उदयपुर. मेवाड़ पूर्व राजपरिवार सदस्य डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ गद्दी पर विराजने के बाद पहली बार श्रीराम नवमी पर्व पर रविवार को सपरिवार श्रीनाथजी की नगरी नाथद्वारा पहुंचे। डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने अपनी पत्नी निवृत्ति कुमारी मेवाड़, सुपुत्री मोहलक्षिका कुमारी मेवाड़, प्राणेश्वरी कुमारी मेवाड़ और सुपुत्र हरितराज सिंह मेवाड़ संग प्रभु श्रीनाथजी के दूसरे राजभोग के दर्शन कर प्रभु श्रीलाडले लालजी की आराधना की। डॉ. लक्ष्यराज सिंह ने परिवार सहित ध्वजाजी की छत पर जाकर सुदर्शन भगवान को इत्र एवं भोग अर्पित किए। डॉ. लक्ष्यराज ने दर्शन के बाद महाप्रभुजी की बैठक में दंडवत होकर भेंट अर्पित की। डॉ. लक्ष्यराज सिंह ने परिवार सहित लाल छत महल में पधार कर तिलकायत पुत्र विशाल बावा को केसर स्नान कराकर भेंट अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया। विशाल बावा ने डॉ. लक्ष्यराज सिंह को चीरा, फेंटा बांधकर व रजाई एवं उपरना ओढ़ाकर प्रसाद प्रदान कर उनका समाधान किया। बहुजी दीक्षिता गोस्वामी ने निवृत्ति कुमारी मेवाड़, लाल बावा ने हरितराज मेवाड़ और आराधिका बेटीजी ने मोहलाक्षिका गया कुमारी व प्राणेश्वरी कुमारी का समाधान किया। इस अवसर पर विशाल बावा व डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड ने वल्लभ कुल एवं मेवाड़ पूर्व राजघराने के प्राचीन संबंधों पर चर्चा की। इस अवसर पर डॉ. लक्ष्यराज सिंह ने कहा कि मेवाड़ पूर्व राजपरिवार प्राचीनकाल से श्रीनाथजी की सेवा-पूजा, संरक्षण-संवर्धन के लिए तत्पर रहा है और आगे भी रहेगा। इससे पूर्व डॉ. लक्ष्यराज सिंह परिवार सहित पैदल मोती महल चौक पहुंचे, जहां उनकी भव्य अगवानी की। इस अवसर पर श्रीनाथजी मंदिर के अधिकारी सुधाकर उपाध्याय, तिलकायत के मुख्य सलाहकार अंजन शाह, सहायक अधिकारी अनिल सनाढ्य, तिलकायत के सचिव लीलाधर पुरोहित, मन्दिर के पंड्या परेश नागर, मंदिर पीआरओ एवं मीडिया प्रभारी गिरीश व्यास आदि मौजूद थे। बता दें, डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ का उनके पिता स्व. अरविंद सिंह मेवाड़ के निधन के बाद गत 2 अप्रैल को परंपरागत गद्दी उत्सव सिटी पैलेस में हुआ।