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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद के पटल पर रखे जाने वाले पूर्ण बजट में राजस्थान की जनता की आकांक्षाओं की पूर्ति करती है या नही ?

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23 Jun 24
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद के पटल पर रखे जाने वाले पूर्ण बजट में राजस्थान की जनता की आकांक्षाओं की पूर्ति करती है या नही ?

नई दिल्ली के प्रगति मैदान के भारतमण्डपम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित बजट पूर्व चर्चा में शनिवार को राजस्थान का पक्ष रखने के लिए उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दिया कुमारी, प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोड़ा और वित्त सचिव देवाशीष पुष्टि के साथ नई दिल्ली आई। उन्होंने राजस्थान के विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पूर्वी राजस्थान कैनाल परियोजना (ईआरसीपी) और तीन रेल परियोजनाओं  के साथ सड़क और ऊर्जा से जुड़ी मांगें जोरदार ढंग से केंद्रीय वित्त मंत्री के समक्ष रखी ।  

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी प्रदेशों के वित्त मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों को 18 वीं लोकसभा के नए सत्र में केंद्र सरकार का पूर्ण बजट रखे जाने से पूर्व अपने अपने प्रदेशों के सुझाव रखने के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आमंत्रित किया था। 18 वीं लोकसभा के गठन के लिए लोकसभा के चुनावों की घोषणा से पूर्व 17 वीं लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी खर्चों की व्यवस्था के लिए अंतरिम बजट ही प्रस्तुत किया था। इसी तर्ज पर राज्यों ने भी विधान सभाओं में लेखानुदान पारित करवा आगामी महीनों के खर्चों की व्यवस्था सुनिश्चित की थी। अब संसद में पूर्ण बजट पारित होगा। इसके बाद राज्यों को केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि और अंशदान मिलने के बाद राज्य भी अपने अपने पूर्ण बजट पारित कराएंगे।

इस महत्त्वपूर्ण बैठक के बाद राजस्थान की ओर से रखे गए सुझावों की जानकारी देते हुए उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा कि इस बारी राजस्थान को केंद्र और प्रदेश में भाजपा की डबल इंजन सरकार का पूरा लाभ मिलने की पूरी उम्मीद है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मोदी 3.0 सरकार के विजन को साकार करने के लिए आगामी केंद्रीय परिवर्तित बजट 2024-25 में "विकसित भारत- विकसित राजस्थान" की परिकल्पना को पूरा करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण के समक्ष प्रभावी ढंग से राजस्थान से जुड़े मुद्दे और अपने सुझाव रखे।

बैठक के दौरान दिया कुमारी ने पूर्वी राजस्थान के 21 जिलों की जीवनदायानी रेखा साबित होने वाली 'पूर्वी राजस्थान कैनाल परियोजना' (ईआरसीपी ) का मुद्दा भी विशेष रूप से उठाया तथा इस महात्वाकांक्षी परियोजना को शीघ्र ही मूर्त रूप देने के लिए अधिकाधिक केंद्रीय मदद की गुहार लगाई । साथ ही इससे जुड़े सभी आयामों को विस्तार से केंद्रीय वित्त मंत्री के समक्ष रखा। दिया कुमारी ने पानी की कमी वाले राजस्थान में संचालित प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की महात्वाकांक्षी योजना हर घर नल से जल के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्रदेश में भी संचालित की जा रही 'जल जीवन मिशन' की प्रगति  और राज्य सरकार द्वारा किए जा रहें प्रयासों के बारे में जानकारी दी तथा केंद्र सरकार से और अधिक सहयोग की मांग भी रखी। 

दिया कुमारी ने बजट पूर्व की इस महत्वपूर्ण बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री के समक्ष राजस्थान की लंबित तीन प्रमुख रेल परियोजनाओं को शीघ्र ही मूर्त रूप देने की मांग भी रखी ताकि रेल सुविधाओं से वंचित राजस्थान के दूरस्थ इलाकों को भी विकास की मुख्य धारा से जोड़ उसका लाभ आम जनता तक पहुंचाया जा सके। हालांकि सरकारी विज्ञप्ति में उन रेल परियोजनाओं का खुलासा नहीं किया गया है,लेकिन यह हकीकत है कि आजादी के 75 वर्षों के बाद भी गुजरात और मध्य प्रदेश से सटे दक्षिण राजस्थान के आदिवासी बहुल जिले बांसवाड़ा के किसी कोने से रेल लाइन नहीं गुजरती है और वहां के बाशिंदों के सामने आज भी रतलाम, नीमच,वडोदरा, उदयपुर और डूंगरपुर पहुंच कर रेल सुविधाओं का लाभ उठाने की मजबूरी है। विशेष कर रोजगार के लिए गुजरात मध्य प्रदेश महाराष्ट्र और अन्य स्थानों पर जाने वाले मजदूरों के साथ ही व्ययसाय से जुड़े लोगों को भी इस कारण भारी दिक्कतें हो रही हैं।

 

दिया कुमारी ने रेल के साथ प्रदेश में नए राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण और उनके सुदृढ़ीकरण का मुद्दा भी उठाया और केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया कि राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य है । इसलिए राजस्थान में बड़े शहरों को दूरस्थ इलाकों के गांवों और ढाणियों से जोड़ने के लिए प्रदेश में सड़कों का सुदृढ़ जाल होना भी बहुत जरूरी है ताकि राज्य के सभी हिस्सों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जा सके। 

दिया कुमारी ने कहा कि राजस्थान में कृषि, उद्योग के साथ साथ प्रदेश की आधारभूत संरचना के विकास के लिए पर्याप्त ऊर्जा की सुलभ उपलब्धता बहुत अहम स्थान रखती है, इसलिए राजस्थान को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्रीय सहयोग बहुत आवश्यक है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से राजस्थान में संचालित ऊर्जा कंपनियों को विशेष सहयोग दिए जाने की पुरजोर मांग रखी ताकि ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान सभी संभावित संभावनाओं का बेहतर ढंग से दोहन करते हुए प्रदेश के विकास को आगे बढ़ा सके। हाल ही राज्य के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री सीतारमण और अन्य केंद्रीय मंत्रियों से भेंट कर इन मुद्दों पर चर्चा की थी और उनके प्रयासों से प्रदेश को अपने कोयला आधारित बिजली घरों के लिए छत्तीसगढ़ में फंसा लाखो टन कोयला मिलने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। 

केंद्र सरकार की ओर से संसद में पूर्ण बजट रखे जाने से पहले हुई इस अहम बैठक के दौरान उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी द्वारा राजस्थान की ओर से रखे गए सभी मुद्दों और सुझावों को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गंभीरता से लिया है। साथ ही आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार राजस्थान की सभी मांगों पर सकारात्मक कदम उठाएगी। हालांकि राजस्थान को अभी भी पहाड़ी और सीमावर्ती प्रदेशों की तर्ज पर विशेष राज्य  का दर्जा मिलने, पानी की कमी वाले प्रदेश की दृष्टि से शत प्रतिशत केंद्रीय सहायता मिलने के साथ ही हेरिटेज पर्यटन को बढ़ावा देने आदि के लिए विशेष केंद्रीय मदद का अभी भी इंतजार है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आने वाले दिनों में और केंद्र एवं राज्य में संसद के पटल पर रखे जाने वाले पूर्ण बजट में राजस्थान की जनता की आकांक्षाओं की पूर्ति करती है या नही और केंद्र एवं राज्य में भाजपा की डबल इंजन सरकार होने की सार्थकता को भी किस प्रकार पूरी करती है?


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