GMCH STORIES

एचडीएफसी बैंक ने डिजिटल अरेस्ट धोखेबाजी के खिलाफ महत्वपूर्ण संदेश साझा किया

( Read 1302 Times)

28 Oct 24
Share |
Print This Page

उदयपुर। भारत के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बैंक एचडीएफसी बैंक ने ग्राहकों को डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड के प्रति सतर्क रहने की सलाह जारी की है, जिसका उद्देश्य इस तरह की धोखाधड़ी के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड में, धोखेबाज कानून प्रवर्तन या सरकारी अधिकारियों के रूप में खुद को पेश करते हुए व्यक्तियों या व्यवसायों को निशाना बनाते हैं। पीडि़तों को कथित कर चोरी, विनियामक उल्लंघन या वित्तीय कदाचार के लिए डिजिटल गिरफ्तारी वारंट की धमकी दी जाती है। धोखेबाज डिजिटल अरेस्ट वारंट को वापस लेने के लिए ‘निपटान शुल्क’ या ‘जुर्माना’ के रूप में भुगतान मांगते हैं। भुगतान हो जाने के बाद, धोखेबाज अपनी पहचान का कोई निशान छोड़े बिना गायब हो जाते हैं। धोखेबाजों के साथ साझा की गई व्यक्तिगत जानकारी के कारण पीडि़तों को आर्थिक नुकसान और कभी-कभी पहचान की चोरी का सामना करना पड़ता है।
एचडीएफसी बैंक के वरिष्ठ कार्यकारी उपाध्यक्ष - क्रेडिट इंटेलिजेंस एंड कंट्रोल मनीष अग्रवाल ने इस धोखाधड़ी पर चेतावनी देते हुए कहा कि धोखाधड़ी करने वाले सीधे ग्राहकों की भावनाओं को निशाना बना रहे हैं। जब भी किसी को कानून प्रवर्तन अधिकारी होने का दावा करने वाले धोखेबाजों से कॉल या संदेश प्राप्त होता है, तो हमेशा उचित चैनल के माध्यम से सरकार / कानून प्रवर्तन अधिकारियों से स्वतंत्र रूप से संपर्क करके उनकी पहचान की पुष्टि करें। सतर्क रहना और इस तरह की धोखाधड़ी की प्रथाओं के बारे में जागरूक रहना ऐसे घोटालों का शिकार होने से बचने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड से खुद को बचाने के लिए टिप्स -
- असली सरकारी अधिकारी या कानून प्रवर्तन एजेंसी कभी भी भुगतान या बैंकिंग विवरण नहीं मांगेंगे।
- घोटालेबाज अक्सर बिना सोचे-समझे आपको तुरंत कार्रवाई करने के लिए मजबूर करने के लिए आपातकाल की भावना पैदा करते हैं।
 -केवाईसी विवरण, बैंक विवरण जैसे- उपयोगकर्ता आईडी पासवर्ड, कार्ड विवरण, सीवीवी, ओटीपी या पिन नंबर जैसी संवेदनशील जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
 - हमेशा सरकारी अधिकारी या कानून प्रवर्तन एजेंसी से स्वतंत्र रूप से संपर्क करके अधिकारी की पहचान सत्यापित करें।
- दस्तावेजों में त्रुटियों की तलाश करें और संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें।
- दूरसंचार विभाग के चक्षु पोर्टल -   www.sancharsaathi.gov.in  पर ऐसे संदिग्ध धोखाधड़ी वाले संचार की तुरंत रिपोर्ट करें। अक्टूबर का महीना वैश्विक स्तर पर और भारत में राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह (एनसीएसएएम) के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों में साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाना है। इस वर्ष, अभियान का विषय ‘साइबर सुरक्षित भारत’ (सतर्क नागरिक) है, जो ऑनलाइन धोखाधड़ी के खिलाफ सतर्क रहने और सुरक्षित बैंकिंग प्रथाओं का पालन करने के महत्व पर जोर देता है।
यदि कोई व्यक्ति किसी ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हो जाता है, तो उसे तुरंत बैंक को अनधिकृत लेनदेन की सूचना देनी चाहिए ताकि भुगतान चैनल, यानी कार्ड/यूपीआई/नेट बैंकिंग को ब्लॉक किया जा सके ताकि भविष्य में होने वाले नुकसान से बचा जा सके। ग्राहकों को गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा शुरू की गई 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके भी शिकायत दर्ज करनी चाहिए और साथ ही नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल  https://www.cybercrime.gov.in     पर भी शिकायत दर्ज करनी चाहिए।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like