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अखिल भारतीय श्री जैन दिवाकर संगठन समिति की कार्यसमिति की बैठक संपन्न

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28 Mar 23
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अखिल भारतीय श्री जैन दिवाकर संगठन समिति की कार्यसमिति की बैठक संपन्न

निम्बाहेड़ा। अखिल भारतीय श्री जैन दिवाकर संगठन समिति की कार्यसमिति की बैठक रविवार को श्री जैन दिवाकर छात्रावास मनासा नाका नीमच सिटी में राष्ट्रीय अध्यक्ष शांतिलाल मारु की अध्यक्षता में आयोजित हुई।
कार्यसमिति की बैठक मंचासीन विशिष्ट अतिथि के रूप में संगठन समिति के वरिष्ठ संरक्षक केसरीमल संघवी निंबाहेड़ा, वरिष्ठ संरक्षक एवं ऑल इंडिया श्वेतांबर स्थानाकवासी जैन कॉन्फ्रेंस के प्रमुख मार्गदर्शक रमेश भंडारी इंदौर, संरक्षक डॉ. लाल बहादुर चौधरी नीमच, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष जयंतीलाल डांगी रतलाम, राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष श्रीमती संगीता जारोली नीमच, राष्ट्रीय युवा कोषाध्यक्ष अशोक झेलावत मंदसौर उपस्थित रहे।
बैठक प्रारंभ होने से पूर्व सम्मानित सभी पदाधिकारी एवं कार्यसमिति सदस्यों का रजिस्ट्रेशन किया गया।
सर्वप्रथम अतिथि आमंत्रण के साथ स्वागत अभिनंदन श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ नीमच सिटी एवं नीमच छावनी के पदाधिकारी, उमराव सिंह राठौड़, विजय बाफना डॉ बीएन बोरीवाल, भारत सिंह कोचेट्टा, अभय मांदरेचा, भंवरलाल देशलहरा, सुधीर पालेचा, मोहनलाल वीरवाल, सुनील लाला बम, शेरसिंह चौधरी, शिवसिंह कोचेट्टा, सुरेंद्र बम, सांवरमल कांठेड़, श्रीमती वीना चौधरी एवं श्रीमती रिंकू राठौर द्वारा किया। मंगलाचरण श्रीमती रिंकू राठौड़ एवं जैन दिवाकर गुरु चालीसा का सामूहिक उच्चारण राष्ट्रीय संगठन मंत्री सिद्धराज संघवी द्वारा करवाया गया।
स्वागत भाषण व अध्यक्षीय उद्बोधन में शांतिलाल मारु ने बताया कि संपूर्ण देश में गुरु भक्तों की सूची व जानकारी का संकलन किया जा रहा है एवं गत बैठक में लिए गए प्रस्तावो पर कार्य प्रगति पर है। कार्यसमिति बैठक के प्रस्ताव बिंदु-1 गत बैठक दिनांक 11 दिसंबर 2022 की कार्यवाही की पुष्टि करना।
गत बैठक की कार्यवाही का वृतांत राष्ट्रीय महामंत्री वीरेंद्र चौधरी के अस्वस्थता के चलते वरिष्ठ उपाध्यक्ष अशोक नवलखा ने सदन के सामने रखा साथ ही विश्वस्त मंडल (समन्वय समिति) एवं कोर कमेटी तथा श्री जैन दिवाकर फाउंडेशन के गठन किए जाने की जानकारी से अवगत करवाया गया, जिसको सर्वानुमति से पुष्टि कर अनुमोदन किया गया, साथ ही प्रस्ताव बिंदु-2 सदस्यता अभियान की प्रगति पर चर्चा करते हुए बताया कि देश भर से गुरु भक्तों को सघन अभियान चलाकर जुड़े जाने की जानकारी से सदन को अवगत कराया गया। त्रैमासिक गतिविधियों का प्रतिवेदन राष्ट्रीय संगठन मंत्री सिद्धराज संघवी द्वारा प्रस्तुत किया गया।
प्रस्ताव बिंदु 3 साहित्य समिति का लेखा-जोखा वह पुनर्गठन संबंधि प्रस्ताव पर चर्चा के अंतर्गत कई वक्ताओं ने मुख्य रुप से गौतम भड़कत्या चित्तौड़गढ़, जयंतीलाल डांगी रतलाम अपने सुझाव संगठन हित में देते हुवे साहित्य प्रकाशन एवं जैन दिवाकर वृद्धाश्रम सहित जो भी संस्थाएं संचालित हो रही हैं वह सभी अखिल भारतीय श्री जैन दिवाकर संगठन समिति के अधीनस्थ ही पूर्व मे संचालित होती आई है और आगे भी संगठन समिति के अधीनस्थ ही संचालित रहेगी तथा इन सभी संस्थाओं का सर्वेसर्वा संगठन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ही रहेंगे, जिसका संपूर्ण सदन ने ध्वनिमत हाथ ऊपर कर समर्थन  किया।
वरिष्ठ संरक्षक रमेश भंडारी इंदौर में कहा कि जैन दिवाकर श्री चौथमल जी महाराज के विराट व्यक्तित्व व कृतित्व को देश-दुनिया के मानस पटल पर अंकित करना उनके आदर्शों व महानता का प्रचार प्रसार करना हमें जैन दिवाकर परंपरा को श्रमण संघ की मुख्यधारा व अग्रणी पंक्ति में लाना है निग्रंथ प्रवचन गुरुदेव की अनमोल देन है जो हमारे लिए रामायण व गीता के समान पूजनीय है। जैन कॉन्फ्रेंस ने निग्रंथ प्रवचन की 2000 प्रतियां प्रकाशन कराने का निर्णय लिया है जिसमें विद्वान जनों व इतिहासकारों का भी सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही साधु-संतों के वैयावच्च व्यवस्था सुदृढ रूप से लागू करवाना अति आवश्यक हैइसके लिए 5 लोगों की कमेटी बनाकर सभी साधु-संतों से मिलकर जानकारी लेकर शीघ्र ही उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि निग्रंथ प्रवचन के प्रकाशन में मेरे परिवार की ओर से ₹108000 रुपये देने की घोषणा करता हूँ। इसी प्रंसग पर राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष जयंतीलाल डांगी रतलाम द्वारा अपनी मातुश्री श्रीमती मगन बाई मोतीलाल डांगी की पुण्य स्मृति में 108000 रुपये देने की घोषणा करी। इसी श्रंखला में मनोज कुमार वीरेंद्र कुमार कोठारी बड़ीसादड़ी द्वारा स्व. श्री मदनलाल, अभय कुमार कोठारी की पुण्य स्मृति में 11000 रुपये देने की घोषणा किये जाने पर सदन द्वारा स्वागत किया गया।
अन्य विषय के अंतर्गत राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती संगीता जारौली ने कहा कि साधु समाचारी निर्धारित रूप से लागू करवाने तथा शीघ्र ही जैन दिवाकर पाठशाला ए खोलने का आश्वासन दिया। अनिल नाहर चित्तौड़गढ़ द्वारा कहा गया कि दिवाकर संप्रदाय के जहां भी चातुर्मास होते हैं, वहां आवश्यक रूप से दिवाकर दरबार एवं जैन दिवाकर श्री चौथमल जी महाराज की जय का बैनर लगाया जाए।
इस अवसर पर महावीर बाफना ब्यावर ने कहा कि हमारे लिए नीमच बोलियां एवं कोटा तीनों ही पावन तीर्थ के समान है, इनमें से कहीं एक जगह जैन दिवाकर श्री चौथमल जी महाराज के जीवन चरित्र से संबंधित एक संग्रहालय बनना चाहिए जिससे जीवन पर्यंत जैन दिवाकर जी महाराज की स्मृति मानस पटल पर बनी रहेगी, साथ ही उन्होंने कहा कि एक जैन दिवाकर सम्मेलन होना चाहिए जिसमें जैन दिवाकर परंपरा के सभी साधु साध्वीयों एव गुरुभक्तों का सामूहिक रूप से सम्मेलन होना चाहिए।
संतोष चोपड़ा ने कहा कि जैन दिवाकर श्री चौथमल जी महाराज जिनकी यह पावन जन्मभूमि रही है यहा के एक प्रमुख चौराहे पर श्री जैन दिवाकर सर्कल के नाम से बनाने हेतु शीघ्र ही नगर परिषद में इसका प्रस्ताव पारित कर अविलंब इसका निर्माण कराया जाएगा, साथ ही उन्होंने कहा कि जैन दिवाकर जी के नाम से विद्यालय एवं अस्पतताल तथा उद्योग खोले जाएं तो यह जन सेवा साथ ही जैन समाज के युवाओं के रोजगार के लिए अति उपयुक्त होगा।
प्रकाश धाकड़ बड़ीसादड़ी ने जैन पाठशाला एवं साधु समाचारी लागू करने हेतू कहा गया। जयंतीलाल डांगी रतलाम ने कहा कि व्हाट्सएप पर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाना उचित नहीं है हम सबको मिलकर गुरु जैन दिवाकर का नाम आगे बढ़ाना चाहिए और संगठनात्मक एवं रचनात्मक कार्य मिलकर करना चाहिए उन्होंने आगे कहा कि दिवाकर परंपरा के क्षेत्रों में सिर्फ जैन दिवाकर परंपरा अथवा श्रमण संघीय साधु साधुओं के ही चातुर्मास होना चाहिए अन्य परंपरा के चातुर्मास नहीं करवाने चाहिए जिसकी अनुमोदनार्थ संपूर्ण सदन ने ध्वनिमत से अपनी सहमति जताई।
विजय खटोड़ मंदसौर ने कहा कि साधु संतों के आहार-विहार चातुर्मास हेतु विशेष रुप से ध्यान देने की जरूरत है अगर कोई साधु संत एकल ठाणा से है, तो उन्हे अन्य सिंघाड़े के साथ मिलाने का प्रयास करना चाहिए। रमेश मेहता चित्तौड़गढ़ ने कहा कि सभी कार्य पेपरलेस होकर सभी कार्य एव रिकार्ड का डिजिटलाइजेशन होना चाहिए।
अंत में गुरु महिमा स्तवन के साथ मीटिंग संगठनात्मक एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुई एवं अगली मीटिंग रतलाम के आग्रह पर वहां करना सुनिश्चित किया गया। संचालन राष्ट्रीय संगठन मंत्री सिद्धराज संघवी एवं राष्ट्रीय मंत्री विजय बाफना द्वारा किया गया। आभार श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ नीमच सिटी की ओर से विजय बाफना द्वारा जताया गया |


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