'विकसित राजस्थान' के संकल्प को साकार करने के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने के लिए 9 से 11 दिसंबर तक राजधानी जयपुर में आयोजित किए जा रहे राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के भव्य आयोजन का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 9 दिसम्बर को जयपुर आ रहे है। इस मौके पर कई केन्द्रीय मंत्री, देश विदेश के जाने माने उद्योगपति और निवेशकर्ता तथा बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानी भी पिंक सिटी जयपुर आ रहे है।
राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट से पहले राज्य सरकार द्वारा अब तक निवेशकों से 25 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश प्रस्तावों के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए जा चुके है। ये निवेश प्रस्ताव प्रदेश में अब तक हुए सभी अंतरराष्ट्रीय निवेश सम्मेलनों में आए प्रस्तावों में से सबसे अधिक बताए जा रहे है।
भाजपा शासनकाल में वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्रित्व काल में पहली बार हुए रिजर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप समिट 2007 में 1.5 लाख लाख करोड़ रु के निवेश प्रस्तावों पर हस्ताक्षर हुए थे। ये निवेश प्रस्ताव मुख्य रूप से उद्योग,खनिज, ऊर्जा,नगरीय आधारभूत ढांचा,पर्यटन विकास,कृषि,पशुपालन, उच्य शिक्षा और चिकित्सा आदि क्षेत्र में हुए थे। वसुंधरा राजे ने तब उदीयमान राजस्थान का नारा दिया था।
वसुन्धरा राजे के दूसरे कार्यकाल में वर्ष 2015 में आयोजित हुए रिजर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप समिट 2015 के दूसरे संस्करण में 3.21 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों के 295 करार पर हस्ताक्षर किए गए थे। इन दोनों आयोजनों में वसुन्धरा राजे के विकास के विजन की जबरदस्त प्रशंसा की गई थी।
कांग्रेस शासन में अशोक गहलोत के मुख्यमंत्रित्व काल में सबसे पहले वर्ष 2002 में राजस्थान ही नहीं देश का सबसे पहला अंतरराष्ट्रीय प्रवासी राजस्थानी सम्मेलन हुआ था लेकिन उसका उद्देश्य निवेश के बजाय प्रवासी राजस्थानियों को अपने प्रदेश की मिट्टी से भावनात्मक रूप से जोड़ना था लेकिन उनके पिछले मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल के अंतिम वर्ष 2022 में हुए इन्वेस्ट राजस्थानी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में 10 ट्रिलियन रुपये के 4,192 एमओयू और आशय पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए थे जिनमें 300 करोड़ रु के सामाजिक क्षेत्र से जुड़े निवेश प्रस्ताव भी थे। अशोक गहलोत के ही मुख्यमंत्रित्व काल में 2012 में प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन भी हुआ था जिसका आयोजन राज्य सरकार के सहयोग से केन्द्र सरकार ने किया था।
हालांकि उक्त निवेश सम्मेलन वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत के शासन काल के अन्तिम महीनों में आयोजित किए गए थे। इस कारण ये निवेश प्रस्ताव उम्मीदों के अनुरूप जमीन पर नहीं उतर पाए। वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत के शासन काल में मूलभूत रूप से जो फर्क था वह यह था कि वसुंधरा राजे का विजन आधारभूत ढांचागत विकास को सुदृढ़ करने पर अधिक था। उनका मानना था कि एक बार मूलभूत सुविधाओं का विकास होने से दूसरी समस्याओं का आसानी से सामना किया जा सकता है। दूसरी ओर अशोक गहलोत ने हमेशा सामाजिक सेवाओं को मजबूत करने पर अधिक ध्यान दिया, हालांकि उन्होंने भी अपने पिछले कार्यकाल में आधारभूत ढांचागत विकास परियोजनाओं सहित प्रदेश के सर्वांगीण विकास की अवधारणा को केंद्र में रख आगे बढ़ने में विश्वास किया।
इस बार मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने अपने शासन के पहले ही वर्ष में राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 आयोजित करने का साहसिक निर्णय लिया और उसे सफल बनाने के लिए उन्होंने देश विदेश में अपने मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की टीम के साथ तूफानी दौरे कर एक अच्छा माहौल बनाने की कोशिश की है।
जयपुर में हो रहे तीन दिवसीय राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में इस बार विभिन्न विषयों पर अलग-अलग 12 सत्र आयोजित होंगे जिनमें उद्योगपति, निवेशक तथा देश के जाने-माने सैलिब्रिटी हिस्सा लेंगे। इन सत्रों में से एक सत्र विशेष रूप से राजस्थान के सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन क्षेत्र के लिए आयोजित किया जा रहा है और इसका थीम ‘एम्ब्रेसिंग डायवर्सिटी: प्रमोटिंग इन्क्लूसिव टूरिज्म' रखा गया है। इस सत्र में भारत के पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र की बड़ी-बड़ी कंपनियों और आंत्रप्रेन्योर हिस्सा लेंगे।उप मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री दिया कुमारी की अध्यक्षता में आयोजित हो रहे इस सत्र में इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ पुनीत चटवाल, प्लैनेट एबल्ड के फाउंडर एवं सीईओ नेहा अरोड़ा, इजी माय ट्रिप के फाउंडर रिकांत रिकांत पिट्टी, जानेमाने अभिनेता एवं कवि शैलेश लोढ़ा और अभिनेता नकुल मेहता आदि भी भाग लेंगे। वे यात्रा, हॉस्पिटैलिटी और पर्यटन क्षेत्र को आकार देने वाले विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
इस सत्र में पर्यटन क्षेत्र को अधिक समावेशी बनाने के उपायों पर भी चर्चा की जाएगी और इसमें विभिन्न प्रकार के पर्यटन जैसे कुलिनरी टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, धार्मिक पर्यटन और मनोरंजक पर्यटन में विस्तार, पर्यटन के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाना, पर्यटन क्षेत्र में तकनीक का प्रयोग बढ़ाना और किफायती एवं सुलभ पर्यटन को प्रोत्साहित करना शामिल है. इस सत्र के दौरान पर्यटन के ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिस पर चर्चा की जाएगी। वैसे भी रेगिस्तान प्रधान राजस्थान में पर्यटन आर्थिक विकास की दृष्टि से रीढ़ की हड्डी मानी जाती है। अतः उसके विकास के लिए अलग सत्र के आयोजन का फैसला सामयिक एवं स्वागत योग्य हैं।
देखना है देश में भौगोलिक दृष्टि से सबसे बड़े प्रदेश में आयोजित किया जा रहा राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 अपने उद्देश्यों के कितना अधिक सार्थक सिद्ध होगा और सफल रहेगा ?