मलमास के समाप्ति के साथ ही राजनीति में हलचल तेज हो गई है, खासकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के दिल्ली दौरे के बाद। इस दौरे में उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की, जिसे सियासी हलकों में मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों से जोड़ा जा रहा है। हालांकि इसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ सरकारी कार्यक्रम और शिष्टाचार भेंट बताया गया, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह राज्य की आवश्यकताओं और वित्तीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
राजस्थान में भजनलाल सरकार के एक साल के कार्यकाल के बाद मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों की चर्चा जोरों पर थी, लेकिन मलमास के कारण यह अब तक नहीं हो पाया। अब दिल्ली दौरे के बाद इस मुद्दे को लेकर नई उम्मीदें जताई जा रही हैं। मुख्यमंत्री शर्मा ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी से मुलाकात की। इन मुलाकातों में राजस्थान के विकास कार्यों, वित्तीय मुद्दों और ऊर्जा क्षेत्र पर चर्चा की गई, लेकिन इसे मंत्रिमंडल विस्तार से भी जोड़ा जा रहा है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियां देकर बगावत शांत की थी, लेकिन इसके बाद नियुक्तियों का सिलसिला रुक गया है। ऐसे में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का दिल्ली दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन माना जा रहा है कि विधानसभा सत्र के बाद राजस्थान में मंत्रिमंडल फेरबदल और नियुक्तियों का दौर शुरू होगा।
मुख्यमंत्री शर्मा की प्राथमिकताएं राज्य विधानसभा सत्र, राज्यपाल का भाषण, और आगामी बजट हैं, लेकिन मलमास के बाद मंत्रिपरिषद पुनर्गठन की संभावना पर सभी की नजरें टिकी हैं।