राजस्थान की "पर्ची सरकार" द्वारा पेश किए गए दूसरे पूर्ण बजट को कांग्रेस ने जनता को ठगने वाला बजट बताया है।
उदयपुर देहात जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कचरू लाल चौधरी ने कहा कि इस बजट से युवा, महिला, किसान और आमजन को निराशा हाथ लगी है। केंद्र और राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार होने के बावजूद राजस्थान की जनता को कोई विशेष राहत नहीं दी गई। पेट्रोल-डीजल पर वेट कम नहीं किया गया, जिससे आमजन को महंगाई से राहत नहीं मिल पाई। सरकार पर बढ़ते कर्ज को लेकर भी कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई। कुल मिलाकर, यह बजट जनता को गुमराह करने वाला है।
उदयपुर शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष फतेह सिंह राठौड़ ने कहा कि यह बजट पूरी तरह हवा-हवाई है। पिछले बजट में 1 लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा किया गया था, लेकिन सरकार को बताना चाहिए कि इनमें से कितनी भर्तियां पूरी हुईं। भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में 'किसान सम्मान निधि' को ₹12,000 करने का वादा किया था, लेकिन अब भी इसे ₹9,000 तक ही रखा गया है, जो किसानों के साथ विश्वासघात है। यह बजट केवल खोखले दावों का पुलिंदा है, जिसे धरातल पर उतारने की मंशा ही नहीं दिख रही।
उदयपुर देहात जिला कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. संजीव राजपुरोहित ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने की योजना लागू की थी, लेकिन अब इसे 150 यूनिट करने के नाम पर सोलर पैनल अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे उपभोक्ता असमंजस में हैं। 'वन स्टेट, वन इलेक्शन' की बात करने वाली सरकार ने स्थानीय निकाय चुनावों पर कोई जिक्र नहीं किया और न ही नई पंचायतों और नगर पालिकाओं के पुनर्गठन के लिए बजट आवंटित किया। "राइजिंग राजस्थान" में 35 लाख करोड़ के एमओयू का दावा किया गया, लेकिन उनके क्रियान्वयन पर कोई स्पष्ट योजना नहीं दी गई।
कुल मिलाकर, यह बजट झूठे आंकड़ों का मायाजाल है, जिसमें जनता को केवल उलझाने की कोशिश की गई है।