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 *एकल भारत लोक शिक्षा परिषद् के ‘रजत जयंती वर्ष’ के उपलक्ष्य में*

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27 Mar 25
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 *एकल भारत लोक शिक्षा परिषद् के ‘रजत जयंती वर्ष’ के उपलक्ष्य में*

गोपेन्द्र नाथ भट्ट 

नई दिल्ली ।एकल अभियान के अंतर्गत  संचालित भारत लोक शिक्षा परिषद् द्वारा शिक्षित, स्वस्थ एवं स्वावलंबी राष्ट्र निर्माण के गौरवशाली 25 वर्ष पूर्ण होने पर मनाये जा रहें ‘रजत जयंती वर्ष’ के उपलक्ष्य में नई दिल्ली  के पंजाबी बाग स्टेडियम (जन्माष्टमी पार्क) रिंग रोड पर 29 मार्च 2025 से 6 अप्रेल तक प्रतिदिन “एकल श्री राम कथा” का आयोजन होगा। 

नौ दिनों तक  चलने वाली इस राम कथा में श्रद्धालु जन गुजरात के प्रसिद्ध कथा व्यास भाईश्री रमेश भाई ओझा जी के मुखारविंद से कथा का अमृतपान कर सकेंगे ।

यह जानकारी बुधवार को पंजाबी बाग स्टेडियम (जन्माष्टमी पार्क) में कथा आयोजन समिति द्वारा आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में भारत लोक परिषद के ट्रस्टी एवं एकल श्रीराम कथा के मुख्य संयोजक सुभाष अग्रवाल, ट्रस्टी    विनीत कुमार गुप्ता लोहिया और नरेश कुमार, परिषद के राष्ट्रीय चेयरमेन एवं कथा संयोजक नीरज रायजादा एवं राष्ट्रीय प्रधान अखिल गुप्ता,उप प्रधान संजीव टेकड़ीवाल,राष्ट्रीय महामंत्री एवं सह संयोजक राजीव अग्रवाल, संयुक्त महामंत्री सुनील गुप्ता,कोषाध्यक्ष विजय गुप्ता और बृजमोहन अग्रवाल , राजेश गुप्ता, रमेश कानोडिया, दीप कुमार और मुक्तानन्द सहित अन्य गणमान्य महानुभावों ने दी।

उन्होंने बताया कि रामकथा के दौरान 108 गांव के ब्राह्मणों द्वारा प्रतिदिन सहस्र चंडी महायाग में पूजा पाठ हवन आदि वैदिक कार्यक्रम और प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों  का आयोजन होगा । इस आयोजन में देश भर से कई पूज्य संत, प्रतिष्ठित राजनीतिज्ञ एवं सामजिक महानुभावों का आगमन भी होगा ।

इस अवसर पर भव्य एकल श्रीराम मंदिर की आलोकित झाँकी  और एकल प्रदर्शनी  का  आयोजन भी होगा । साथ ही लाइव एकल स्कूल और लाइव कंप्यूटर लैब तथा सभी आयामों की प्रदर्शनियाँ तथा कथा का हर एकल स्कूल में लाइव प्रसारण  भी होगा।

उन्होंने बताया कि एकल श्रीराम कथा  का उद्देश्य सभी धर्मों के लोगों को राष्ट्र प्रेम, राष्ट्रधर्म और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित करना है ।यह कथा देश और समाज के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी ।राम कथा के माध्यम से प्रतिदिन 5 हज़ार से अधिक श्रोता गण प्रत्यक्ष रुप से एवं लाखों ग्रामवासी एवं नगरवासी विभिन्न चैनलों के माध्यम से एकल श्रीराम कथा का अमृतपान करवा प्रभु श्रीराम के आदर्श जीवन को आत्मसात करेंगे | 

आयोजन समिति के प्रतिनिधियों ने रामकथा में आयोजित होने वाले अन्य आकर्षक कार्यक्रमों के बारे में बताया कि  इस आध्यात्मिक आयोजन में 29 अप्रेल को ग्राम एवं नगर संगठन की 501 सौभाग्यशाली महिलाओं द्वारा कलश शोभायात्रा निकाली जायेंगीं । साथ ही गांव के बच्चे प्रभु श्रीराम का बाल रूप धारण करके एक विचार नगर जगाने आयेंगे ।

उल्लेखनीय है कि एकल अभियान को मजबूत करने के लिए एकल भारत लोक शिक्षा परिषद् लगातार सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहा है I ग्रामीण एवं वनवासी बच्चों की शिक्षा के लिए समर्पित भाव से कार्य करने वाले समाज के दानवीर, प्रबुद्ध महानुभाव एवं शिक्षा प्रेमियों के सहयोग से आज देश के अधिकांश भागों में एकल विद्यालय संचालित हो रहे हैं I 

एकल अभियान देश में अग्रणी सामाजिक संगठन के रूप में करोड़ों गरीब ग्रामवासियों के शैक्षणिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण हेतु समर्पित है I यह अभियान “एक गाँव, एक शिक्षक, एक विद्यालय” के सिद्धान्त पर संचालित हो रहा हैI 1988 में झारखण्ड में 60 विद्यालयों से शुरू हुआ ‘एकल अभियान’ आज लगभग 1 लाख से अधिकविद्यालयों तक पहुँच चुका है, जिसके माध्यम से लगभग 30 लाख बच्चे शिक्षा से प्रकाशित हो रहे हैं I

वर्तमान समय में एकल अभियान लगभग एक लाख विद्यालयों का संचालन कर रहा है, जिसे देश के लगभग 6.5 लाख गांवों तक पहुँचाने का लक्ष्य है |   एकल अभियान को सरकार द्वारा कोई सहायता प्राप्त नही होती है, यह समाज के लोगों के सहयोग से पूरी तरह संचालित होता है | 

एकल विद्यालय  के अन्तर्गत एक गांव में एक शिक्षक द्वारा एक विद्यालय का संचालन किया जाता है, जिसमें उसी गॉंव के 25-30 विद्यार्थी नियमित रूप से शिक्षा ग्रहण करते हैं I इन विद्यालयों में प्राथमिक शिक्षा के साथ-साथ आरोग्य, विकास, स्वाभिमान, जागरण तथा संस्कार शिक्षा के माध्यम से गाँव का सर्वांगीण विकास का कार्य भी किया जा रहा हैI समाज के कमज़ोर एवं असहाय वर्ग के बच्चे पंचमुखी शिक्षा ग्रहण करते हैं  Iएकल विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करके ये बच्चे आने वाले समय में राष्ट्र और समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सकेंगे I एकल विद्यालय द्वारा प्राथमिक शिक्षा दिए जानेसे बालकों में राष्ट्र भक्ति की भावना प्रबल हुई है, जो राष्ट्र निर्माण की बुनियाद को मजबूत कर रही है I

एकल विद्यालय स्वामी विवेकानंद के इस वाक्य को चरितार्थ करता है जिसमें उन्होंने कहा था कि “अगर बच्चे विद्यालय नहीं जा सकते तो विद्यालयों को बच्चों तक पहुंचना होगा” । 

इसी आदर्श वाक्य पर एकल अभियान आज संपूर्ण भारत में कार्यरत है और समाज के जागरूक लोगों के द्वारा एकल विद्यालय निरंतर तीव्र गति से अपने लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ रहा है ।  

भारत के दूर-दराज के इलाकों में जनजातीय और ग्रामीण बच्चों को शिक्षा प्रदान करने, ग्रामीण सशक्तिकरण, लैंगिक और सामाजिक समानता स्थापित करने के लिए एकल अभियान ट्रस्ट को वर्ष 2017 के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के हाथों प्रतिष्ठित “गाँधी शान्ति पुरस्कार” भी प्रदान किया गया है ।


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