(mohsina bano)
जयपुर।
विश्व के सबसे बड़े जनजातीय संगठन अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम और राजस्थान का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर जनजातियों के हितों को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा की।
इस बैठक में राजस्थान के जनजाति मंत्री बाबूलाल खराड़ी, अखिल भारतीय अधिकारी गिरीश कुबेर, हितरक्षा प्रमुख संजय कुलकर्णी, राजस्थान आश्रम अध्यक्ष डॉ. थावरचंद डामोर, प्रांत संगठन मंत्री जगदीश कुलमी तथा क्षेत्र हितरक्षा प्रमुख विमल शाह शामिल रहे।
मुख्य रूप से पेसा कानून और वनाधिकार अधिनियम को राज्य में प्रभावी रूप से लागू करने को लेकर सुझाव दिए गए। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के समक्ष निम्न बिंदुओं पर चर्चा की—
पेसा व वनाधिकार कानून के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में टास्क फोर्स के गठन का प्रस्ताव।
महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों के अनुभवों के आधार पर राजस्थान में वांछित कानूनी संशोधनों पर विचार।
जनजातीय विकास योजनाओं के समन्वयन के लिए राज्यपाल भवन में जनजातीय प्रकोष्ठ की स्थापना का सुझाव।
CAMPA फंड के अंतर्गत वन विज्ञान केंद्र की स्थापना को लेकर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के पत्र पर चर्चा।
मुख्यमंत्री ने इन सभी सुझावों को सकारात्मक रूप से स्वीकार करते हुए आश्वासन दिया कि संबंधित विभागों — वन, पंचायती राज एवं जनजातीय क्षेत्रीय विकास — के समन्वय से इन पर शीघ्र कार्यवाही की जाएगी।
प्रतिनिधिमंडल ने इस समर्थन हेतु मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।