करोड़ों लोगों के श्रद्धा के केन्द्र राजस्थान के सीकर जिले के खाटू गांव में स्थित खाटू श्याम जी मन्दिर का भव्य कोरिडोर बनने का मार्ग अब खुल गया है। अब वाराणसी के काशी विश्वनाथ गुजरात के सोमनाथ,उज्जैन (मध्य प्रदेश) के महाकाल की तरह राजस्थान के खाटू श्याम जी मन्दिर में भी भव्य कोरिडोर बनेगा जिससे यहां प्रतिदिन आने वाले हजारों श्रद्धालुओं को कई नई सुविधाएं मिलेगी वहीं राजस्थान के धार्मिक पर्यटन को नए पंख लगेगे। उल्लेखनीय है कि इतिहास कारों द्वारा खाटू श्याम जी का मूल मंदिर 1027 ई. में रूपसिंह चौहान और उनकी पत्नी नर्मदा कँवर द्वारा बनाया गया बताया जाता है। मारवाड़ के शासक ठाकुर के निर्देश पर उनके दीवान अभय सिंह द्वारा 1720 ई. में मंदिर का जीर्णोद्धार कराने का उल्लेख मिलता है। खाटू श्याम जी में दर्शन के लिए प्रतिदिन दिल्ली और देश के अन्य भागों से प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु पैदल,बस ट्रेन और निजी वाहनों से पहुंचते हैं।
राजस्थान की भजन लाल शर्मा सरकार के प्रयासों से स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के अंतर्गत सीकर में श्री खाटू श्याम जी मंदिर में कोरिडोर निर्माण के विकास कार्यों के लिए केंद्र सरकार की ओर से 87 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। प्रदेश की पर्यटन मंत्री उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने हाल ही अपने दिल्ली दौरे में इस स्वीकृति की जानकारी दी थी।
उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने सोमवार को जयपुर में पर्यटन विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली और बताया कि श्री खाटू श्याम जी में भव्य कॉरिडोर को लेकर जल्द ही पर्यटन विभाग कार्यदेश जारी करेगा।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के अंतर्गत सीकर में श्री खाटू श्याम जी मंदिर में विकास कार्य के कार्यदेश जारी कर शीघ्र विकास कार्य शुरू करवाये जाए। उन्होंने इस सम्बन्ध में उनकी एक बैठक श्री खाटू श्याम जी में ही करने के निर्देश भी दिए।
दिया कुमारी ने स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के अंतर्गत सीकर में श्री खाटू श्याम जी मंदिर में विकास कार्य के लिए केंद्र सरकार द्वारा 87 करोड़ रुपये की स्वीकृति दिए जाने पर आभार जताते हुए कहा कि राज्य में धार्मिक पर्यटन विकास के लिए मोदी सरकार द्वारा दी गई यह एक महत्वपूर्ण सौगात है । उन्होंने कहा कि अपार धार्मिक आस्था के केंद्र श्री खाटू श्याम जी में भव्य रूप से विकास कार्य शुरू करने में कोई देरी नहीं की जाए। दिया कुमारी ने घोषणा की कि वे इस सम्बन्ध में श्री खाटू श्याम जी जाकर वहां एक बैठक करेंगी।
उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी अध्यक्षता में तथा पर्यटन शासन सचिव रवि जैन की उपस्थिति में जयपुर के पर्यटन भवन में सोमवार को हुई इस समीक्षा बैठक में दीया कुमारी ने अधिकारियों को
राज्य बजट में उनके द्वारा वित्त मंत्री के रूप में की गई पर्यटन संबंधी घोषणाओं को अमलीजामा पहनाने की हिदायत दी तथा कहा कि खाटू श्याम जी के विकास कार्यों के साथ ही विश्व प्रसिद्ध तीर्थ नगरी पुष्कर में भी विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जाए। इसके अलावा उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने शेखावाटी की हवेलियों के संरक्षण के लिए आवश्यक बैठक लेकर कार्य किये जाने के निर्देश भी प्रदान किए। इसके साथ ही उन्होंने जयपुर के एतिहासिक अल्बर्ट हॉल के योजना अनुरूप नवीनीकरण के उत्कृष्ट कार्य करवाये जाने के निर्देश दिए।
बैठक में उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने राजस्थान से सटे भारत पाक सीमा पर बनने वार म्यूजियम पर भी चर्चा की और अधिकारियों से कहा कि यह कार्य पूर्ण संवेदनशीलता से किया जाना चाहिए। इसके लिए सुरक्षा के सभी बिंदुओं को ध्यान में रख कर कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि निश्चित ही वार म्यूजियम से राज्य के सीमावर्ती क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
समीक्षा बैठक में दिया कुमारी ने पर्यटन विभाग के विभिन्न बिंदुओं जैसे अल्बर्ट हॉल के जीर्णोद्धार, लाइट एंड साउंड शो, आरटीडीसी, पर्यटन नीति, फिल्म नीति, बावड़ियों का जीर्णोद्धार, जयपुर के चारदीवारी क्षेत्र में विकास कार्य, विभिन्न विकास कार्यों के टेंडर, मालासेरी डूंगरी, महाराणा प्रताप सर्किट, संग्रहालयों का जीर्णोद्धार, पर्यटन बोर्ड, डेजर्ट टूरिज्म, जंतर मंतर पर वी आर, शेखावाटी की हवेलियों के संरक्षण, द ग्रेट इंडियन ट्रैवल बाजार की तैयारी, विभिन्न सर्वे, वार म्यूजियम, जमवाय माता मंदिर के विकास कार्य, रोपवे विकास कार्य आदि पर चर्चा की और आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही पर्यटन साइट्स पर स्वच्छता एवं साफ सफाई का विशेष ध्यान देने की हिदायत दी।
पिछले दिनों जयपुर में हुए राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इनवेस्टमेंट समिट और फिल्म समारोह से राजस्थान के पर्यटन के चर्चे देश विदेश में हुए है। रंग रंगीले राजस्थान में विदेशी सैलानियों से कही अधिक घरेलू देशी पर्यटकों की विशेष कर धार्मिक पर्यटक 12 महीने राजस्थान के विभिन्न स्थानों का दौरा करते है। इस दृष्टि से देस विदेश में लोकप्रिय राजस्थान के धार्मिक श्रद्धा स्थलों के विकास के लिए राजस्थान सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा ही की जानी चाहिए।