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राजस्थान के पांच जल  विशेषज्ञों को प्रतिष्ठित  ऑस्ट्रेलिया अवार्ड फेलोशिप

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13 Apr 25
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राजस्थान के पांच जल  विशेषज्ञों को प्रतिष्ठित  ऑस्ट्रेलिया अवार्ड फेलोशिप

उदयपुर ,11 अप्रैल ,  जलस्रोत  विशेषज्ञ डॉ  अनिल मेहता सहित विद्या भवन , सी टी ए ई  तथा वाटरशेड विभाग राजस्थान के कुल पांच जल विशेषज्ञों को अतिप्रतिष्ठित ऑस्ट्रेलिया अवार्ड फेलोशिप मिली है। ऑस्ट्रेलिया सरकार के विदेश  मामलात व ट्रेड विभाग द्वारा प्रदत्त  इस अंतरराष्ट्रीय  फेलोशिप स्टडी को  इंस्टीट्यूट फॉर स्टडी एंड डेवलेपमेंट वर्ल्डवाइड , वेस्टर्न सिंडनी यूनिवर्सिटी तथा ऑस्ट्रेलिया इंडिया वॉटर सेंटर मिलकर आयोजित कर रहे है। फेलोशिप में भारत के अलावा  नेपाल के जल विशेषज्ञ भी भाग लेंगे ।


डॉ बसंत माहेश्वरी, डॉ बसुंधरा भट्टराई के  नेतृत्व  तथा डॉ  निक शोफिल्ड , डॉ रोजर पेकहैम के संयोजकत्व में यह फेलोशिप 14 अप्रैल से आयोजित होगी।

विद्या भवन के डॉ  अनिल मेहता, डॉ सुषमा जैन, प्रहलाद सोनी , सी टी ए इ के डॉ मनजीत सिंह , जलग्रहण विकास विभाग की सुशीला यादव सहित गुजरात के मोहन शर्मा व नेपाल के सात जल विशेषज 13 अप्रैल को ऑस्ट्रेलिया के लिए प्रस्थान करेंगे।

विद्या भवन के अध्यक्ष डॉ जितेंद्र तायलिया तथा मुख्य संचालक राजेंद्र भट्ट ने बताया कि फेलोशिप के तहत उदयपुर टीम आयड बेडच बेसिन ,नेपाल की टीम  चूरे तराई बेसिन  ऑस्ट्रेलिया के 
हॉक्सबरी-निपीन, हंटर वैली, विंगेकेरेबी ,वोलोंगोंग जल ग्रहण क्षेत्रों में वाटरशेड में जलवायु परिवर्तन से जुड़ी महत्वपूर्ण चुनौतियों पर मिलकर अध्ययन करेंगे। सभी विशेषज्ञ 
शहरी जल आपूर्ति प्रबंधन,  वर्षा जल गुणवत्ता सुंदर, बाढ़  प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन अनुकूलन, ग्रामीण-शहरी जल प्रबंधन, जल सुरक्षा ,जल संशोधन  पर्यावरणीय प्रवाह इत्यादि विषयों पर गहन अध्ययन व परस्पर सीख से  समग्र प्लान बनाएंगे।
डॉ अनिल मेहता ने कहा कि उदयपुर व राजस्थान के नदी बेसिनों  के विकास व संरक्षण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

डॉ बसंत माहेश्वरी ने कहा कि जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन के प्रभाव तेज होते जा रहे हैं, जल संसाधन और पारिस्थितिकी तंत्र पर दबाव बढ़ रहा है, जिससे टिकाऊ जलग्रहण प्रबंधन पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। यह फेलोशिप प्रतिभागियों को विशेषजी ज्ञान, व्यावहारिक कौशल और मजबूत पेशेवर नेटवर्क से लैस करने के लिए डिज़ाइन की गई है, ताकि वे जलवायु जोखिमों का  शहरी क्षेत्रों में प्रभावी ढंग से प्रबंधन कर सके।


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