सेवा में,
माननीय प्रधानमंत्री,
भारत सरकार,
नई दिल्ली।
विषय: पहलगाम की बेसरन घाटी में टी.आर.एफ. द्वारा किए गए निर्दोष पर्यटकों के नरसंहार की कड़े शब्दों में निंदा
महोदय,
मैं, प्रोफेसर डॉ. विमल शर्मा, अत्यंत दुःख और क्षोभ के साथ यह पत्र लिख रहा हूँ। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र की खूबसूरत बेसरन घाटी में टी.आर.एफ., जो कि आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध है, ने अमानवीयता की सारी हदें पार करते हुए धर्म पूछकर 27 निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या कर दी। यह कृत्य केवल आतंक नहीं, बल्कि भारत की धर्मनिरपेक्ष आत्मा पर एक कायरतापूर्ण आघात है।
हताहतों में हरियाणा के करनाल जिले के लेफ्टिनेंट विनय भी शामिल थे, जिनका विवाह मात्र छह दिन पूर्व ही हुआ था। उनकी पत्नी का विलाप आज पूरे राष्ट्र की अंतरात्मा को झकझोर रहा है। यह केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि हर उस भारतीय की पीड़ा है, जो शांति, सौहार्द और एकता में विश्वास रखता है।
हम इस जघन्य कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और सरकार से माँग करते हैं कि:
दोषियों को शीघ्र पकड़कर न्याय की कठोरतम सजा दी जाए।
ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने हेतु सुरक्षा तंत्र को और अधिक सशक्त किया जाए।
शहीदों व घायल हुए के परिजनों को आर्थिक और सामाजिक सहायता तुरंत उपलब्ध कराई जाए।
धर्म के आधार पर की जा रही ऐसी हत्याओं को “नरसंहार” (Genocide) की संज्ञा दी जाए और इसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया जाए।
यह समय शोक का नहीं, प्रतिकार का है। आज राष्ट्र को एकजुट होकर यह स्पष्ट संदेश देना होगा कि भारत के धैर्य की परीक्षा लेने वालों को इतिहास कभी क्षमा नहीं करेगा।
ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति दे और परिजनों को यह अपार दुःख सहने की शक्ति प्रदान करे।