GMCH STORIES

महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन के विषय पर कार्यशाला आयोजित

( Read 404 Times)

28 Apr 25
Share |
Print This Page

महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक  उत्पीडन के विषय पर कार्यशाला आयोजित

जैसलमेर  महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 के संबंध में संवेदनशीलता व जागरूकता बढाने के लिये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव किशोर कुमार तालेपा की अध्यक्षता में एयरफोर्स स्टेशन के गोरबंद हॉल में कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में एयरफोर्स स्कूल के कार्यकारी निदेशक संचिता सिंह, स्कूल प्रबंधक योगेश सिलोरा, प्रधानाध्यापक मोहम्मद नासिरूद्दीन, प्रधानाध्यापिका सरोज कविया व स्कूल के समस्त अध्यापकगण के साथ असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउन्सिल शिप्रा शांडिल्य व खेमेन्द्र सिंह ने भाग लिया।

कार्यशाला में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव किशोर कुमार तालेपा ने महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम, 2013 के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कार्यस्थल पर महिला उत्पीडन की रोकथाम एक अत्यंत संवदेनशील एवं उपयोगी विषय है एवं प्रत्येक कार्यस्थलों पर जहां महिला कार्मिक कार्यरत है उन्हें इस अधिनियम की जानकारी दी जाना आवश्यक है ताकि वे इसके प्रति जागरूक हो सके तथा प्रत्येक महिला कार्मिक एक मुक्त एवं सुरक्षित वातावरण में कार्य कर सके। उन्होंने बताया कि प्रत्येक कार्यस्थल पर महिलाओं को लैंगिक उत्पीडन से संरक्षण तथा गरिमा से कार्य करने का अधिकार है।

कार्यशाला के दौरान असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउन्सिल शिप्रा शांडिल्य ने इस अधिनियम की व्याख्या करते हुए तथा अधिनियम के प्रावधानों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि किसी कार्यस्थल का प्रत्येक नियोजक, लिखित आदेश द्वारा आंतरिक परिवाद समिति नामक एक समिति का गठन करेगा। उन्होंने बताया कि किसी भी विभाग में 10 या 10 से अधिक कर्मकार होने की स्थिति में आंतरिक परिवाद समिति के गठन का प्रावधान है व इस अधिनियम के प्रावधानों के तहत गठित की जाने वाली आंतरिक परिवाद समिति के गठन करने व इसकी सूचना कार्यस्थल के सुदृश्य स्थान पर आवश्यक रूप से चस्पा करने की बात कही ताकि महिला कार्मिकों को इस समिति की जानकारी हो सके व आवश्यकता होने पर समिति के माध्यम से संरक्षण प्राप्त कर सके।

कार्यशाला में इस अधिनियम के प्रावधानों के तहत् आंतरिक परिवाद समिति व स्थानीय परिवाद समिति के माध्यम से संरक्षण प्रदान करने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने यह भी बताया कि व्यथित महिला अगर चाहे तो अपनी शिकायत के संबंध में दोषी व्यक्ति से समझौता भी कर सकती है तथा अगर चाहे तो उसे माफ भी कर सकती है।

कार्यशाला में असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउन्सिल खेमेन्द्र सिंह ने विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत विधिक सेवा संस्थाओं द्वारा प्रदत्त की जाने वाली निःशुल्क विधिक सहायता की पात्रता व प्रक्रिया, राष्ट्रीय लोक अदालत, स्थाई लोक अदालत के बारे में सारगर्भित जानकारियां प्रदान की।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like