कोटा, सैयद मीर निसार अली, जिन्हें टीटू मीर के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महत्वपूर्ण नायक थे। उनके बिना ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह को अधूरा माना जाएगा। यह विचार विज्ञान नगर स्थित वाई जी एन कोचिंग में आयोजित शहीद टीटू मीर की पुण्यतिथि कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किए गए।
**टीटू मीर के जीवन पर प्रकाश**
कार्यक्रम संयोजक नूर अहमद पठान ने टीटू मीर के जीवन पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि उनका आंदोलन भारत की स्वतंत्रता के लिए प्रेरणा का स्रोत बना। उन्होंने कहा कि टीटू मीर ने अपने आध्यात्मिक और सामाजिक आंदोलनों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया।
**विद्रोह के प्रेरणास्त्रोत**
मिल्लत चैरिटेबल ट्रस्ट के सचिव मुख्तार अंसारी ने बताया कि टीटू मीर अपने शुरुआती जीवन में एक पहलवान के रूप में जाने जाते थे। मक्का की तीर्थ यात्रा के दौरान वे सैयद अहमद बरेलवी और हाजी शरीयतुल्ला से मिले, जिनके साथ मिलकर उन्होंने धार्मिक और सामाजिक सुधार आंदोलनों को मजबूत किया।
**विद्रोह और संघर्ष का नेतृत्व**
एक उम्मीद सेवा संस्थान के संयोजक डॉ. रियाज अहमद ने कहा कि टीटू मीर ने ब्रिटिश शासन और जमींदारों द्वारा किए जा रहे शोषण के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का नेतृत्व किया। वहीं, सनराइज ग्रुप के निदेशक जावेद खान ने बताया कि टीटू मीर ने अपने साहस और रणनीति के बल पर ब्रिटिश सेना को चुनौती दी।
**अतिथियों का सम्मान**
कार्यक्रम के अंत में अतिथियों का फूलमालाओं से स्वागत किया गया। इस दौरान सलीम अब्बासी और इंजीनियर सिराज अहमद ने भी अपने विचार रखते हुए देशभक्ति और समाजसेवा को सर्वोपरि बताया।
कार्यक्रम के आयोजन में वाई जी एन कोचिंग के निदेशक अरशद अंसारी सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।