श्रीगंगानगर । पशु विज्ञान केंद्र सूरतगढ़ के द्वारा आत्मा योजना अंतर्गत एजोला व गोट मैजंर प्रदर्शनी इकाइयों का वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सर्वप्रथम डॉ राजकुमार बेरवाल ने मुख्य अतिथि एसडीएम (सूरतगढ) श्री संदीप कुमार, विशिष्ट अतिथि श्री राजाराम गोदारा एवं श्रीगंगानगर की विभिन्न तहसीलों से आए हुए पशुपालकों का स्वागत व्यक्त किया।
कार्यक्रम में श्री संदीप कुमार ने बताया कि पशुपालकों को परंपरागत तरीके से पशुपालन ना करके वैज्ञानिक तरीके से पशुपालन अपनाने का आह्वान किया। उन्होने कहा कि पशु विज्ञान केंद्र सूरतगढ़ से विभिन्न जानकारी लेकर एक प्रगतिशील पशुपालक बनने का प्रयास करें। श्री राजाराम गोदारा ने बताया कि अजोला घास और पशुओं का वैज्ञानिक प्रबंधन हमारे पशुधन के लिए अत्यंत आवश्यक है और पशु विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा दी जाने वाली विभिन्न जानकारी पशुपालकों के लिए बहुत ही उपयोगी है, इसका महत्व और पशुपालकों को समझना चाहिए।
डॉ. बेरवाल ने एजोला लगाने की विधि तथा पशुओं में खिलाने से होने वाले लाभ के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डॉक्टर मनीष कुमार सेन ने बताया कि अजोला पशुपालकों के लिए जैविक सदाबहार चारा है, जो विभिन्न प्रकार के खनिज लवण विटामिन से भरपूर है और यह सभी प्रकार के पशुओं के लिए वरदान साबित हो रहा है। हमारे प्रदेश में साल भर हरा चारा उपलब्ध नहीं होता है। हर पशुपालक को अजोला जैविक चारे को अपनाना चाहिए। कार्यक्रम में श्रीगंगानगर जिले के विभिन्न तहसीलों से चुने गए प्रगतिशील पशुपालकों को 10 गोट मैजंर व 30 अजोला यूनिट का वितरण डॉ. राजकुमार बेरवाल के निर्देशन में किया गया तथा इस कार्यक्रम में कुल 40 पशुपालकों ने भाग लिया