उदयपुर। जय एकलिंगनाथ राष्ट्रीय सेवा संगठन अब उदयपुर में बेटी बचाओ-बेटी पढाओं के नाम से एक बडी मुहिम चलाने जा रहा है। यह अब तक की उदयपुर की सबसे बडी मुहिम होगी जिसमें महिलाओं को भी जोडा जाएगा।
जय एकलिंगनाथ राष्ट्रीय सेवा संगठन के संस्थापक अध्यक्ष आकाश बागडी ने बुधवार को नववर्ष के मौके पर इस मुहिम की घोषणा की। उन्होंने बताया कि बुधवार को संगठन की बैठक में कार्यकर्ताओं ने बेटी बचाओ-बेटी पढाओं मुहिम पर अपनी सहमति जाहिर की और इसको वृहद रुप में चलाने का भरोसा दिलाया। सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ता इस मुहिम में तन मन से साथ देंगे। उन्होंने बताया कि इस मुहिम को पूरे उदयपुर जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में चलाया जाएगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा बेटियों को इसका फायदा मिल सके।
श्री बागडी ने बताया कि बेटी बचाओ-बेटी पढाओं की मुहिम आज की सबसे बडी जरुरत बनी हुई है। शिक्षित समाज होने के बावजूद आज भी कई क्षेत्रों में और खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में बेटियों को नहीं पढाया जा रहा है और बेटी पैदा होने पर झाडियों में अथवा नालियों में छोडी जा रही है। इस अभियान में अस्पतालों और सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर-बैनर लगवाकर लोगों को जागरुक करने का अभियान चलाया जाएगा।
जय एकलिंगनाथ राष्ट्रीय सेवा संगठन के संरक्षक निर्मल पंडित ने बताया कि बेटी बचाओ अभियान के तहत महिलाओं के संगठनों के माध्यम से महिलाओं को इस बात के लिए जागरुक किया जाएगा कि बेटी होने पर उसे अपनाए और बाद में इतना पढाए कि वह पूरे परिवार का गौरव बने। देश में अपना नाम कर चुकी बेटियों के संस्मरण और उनकी कहानियां महिलाओं और बेटियों को सुनाई जाएगी, ताकि वे उससे प्रेरित हो। इसी तरह बेटी पढाओ के अभियान में संगठन के कार्यकर्ता गांव-गांव और बस्ती-बस्ती यह पता करेंगे कि किन कारणों से बेटी स्कूल पढने नहीं जा रही। अगर आर्थिक कारण हुए तो संगठन की ओर से फीस भरकर उसे स्कूल में प्रवेश करवाया जाएगा। अगर अन्य कारण हुए तो परिवार से समझाइश की जाएगी। श्री पंडित ने बताया कि इस मुहिम में हम ऐसी बेटियों को भी शामिल करेंगे जिन्होंने बीच में ही पढाई छोड दी। इसका भी कारण पताकर उसका समाधान करेंगे। अगर पैसों की किल्लत से पढाई छोडी तो भामाशाह के माध्यम से उसे वापस स्कूल-कॉलेज में प्रवेश करवाएंगे।
हेल्पलाइन जारी करेंगे: संस्थापक अध्यक्ष आकाश बागडी ने बताया कि हम एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी करेंगे जिसके माध्यम से कोई भी महिला या बेटी संगठन से संपर्क कर सकेगी। इससे उनकी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलेगी।