कोटा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके)े में चिन्हित की गई जन्मजात दिल में छेद की बीमारी (सी.एच.डी) से ग्रसित दो बच्चियों का बुधवार को शहर के प्राइवेट अस्पताल कोटा हार्ट में निःशुल्क ऑपरेशन किया गया। दोनो बच्चियां अब स्वस्थ हैं। जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी (आरसीएचओ) डॉ. महेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि सांगोद ब्लॉक की गोपालपुरा निवासी 2 साल की आयत और सुल्तानपुर ब्लॉक की ककरावदा निवासी 5 वर्षीय ममता को आरबीएसके की मोबाइल हैल्थ टीमों ने इनके गांवों की आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्क्रीनिंग के दौरान चिन्हित कर जिला स्तर पर रैफर किया था। यहां सभी आवश्यक जांचे करवाने पर दोनो बालिकाएं दिल में छेद की बीमारी से ग्रसित पाई गई थी। इनमें से बालिका आयत का ऑपरेशन एनएफएसए पात्र होने पर भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत किया गया। इस तरह आरबीएसके में चिन्हित कर बीएसबीवाई में ऑपरेशन का जिले में ये पांचवा और इस साल का पहला केस हुआ है। डॉ त्रिपाठी ने बताया कि इन्हे मिलाकर दिल मे छेद वाले 53 बच्चों समेत अन्य बीमारियों एवं विकृतियों से गस्रित 161 सर्जरी अब तक करवाई जा चुकी है ।
गुरूवार को आरसीएचओ डॉ. महेंद्र त्रिपाठी, सांगोद खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रभाकर व्यास व डीईआईसी मैनेजर दिलीप कुमार ने कोटा हार्ट हॉस्पिटल पहुच बालिका आयत की कुशल क्षेम पूछी और उपचार कर रहे चिकित्सक डॉ. राकेश जिंदल, डॉ. साकेत गोयल, डॉ. प्रमोद नागर से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। इस दौरान आरबीएसके के डीईआईसी मेनेजर दिलीप कुमार, सांगोद मोबाईल हैल्थ टीम के डॉ प्रियंका मिश्रा, डॉ. राहुल, डॉ मनीषा, दीपा राजावत व अभिषेक नामदेव भी साथ थे।
डॉ त्रिपाठी ने बताया कि इसी तरह गुरूवार को हर्निया की बीमारी से पीड़ित सुल्तानपुर ब्लॉक के दीगोद निवासी आयान (4) का आपरेशन न्यू मेडिकल कॉलेज कोटा तथा खैराबाद ब्लॉक के तेलियाखेड़ी गांव निवासी जन्मजात कटे-फटे होठ व तालु की विकृति से ग्रसित सुनील (12) की सर्जरी भी आरबीएसके के तहत शहर के आलोक हॉस्पिटल में निःशुल्क हुई।
उन्होने बताया कि कार्यक्रम के तहत जिले में वर्ष 2017-18 में 156133 बच्चो की स्क्रीनिंग की गई जिसमे बीमार पाए गए 12561 बच्चो को उपचार के लिए रेफर किया गया। इनमें से 12158 बच्चो को अब तक उपचारित भी किया जा चुका है। इस तरह 96.8 प्रतिशत बच्चे अब तक उपचारित हो चुके हैं।
उन्होनें बताया कि आरबीएसके कार्यक्रम के तहत सरकारी स्कूलों, मदरसों एवं आंगनबाड़ी केंद्रो में पंजिकृत जन्म से 18 वर्ष तक के बच्चों का मोबाइल हैल्थ टीमो द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद 38 तरह की चिन्हित बीमारियों में निःशुल्क उपचार एवं ऑपरेशन करवाया जाता है।
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