**उदयपुर, विद्या भवन का परिसर शहर के लिए जीवनदायी फेफड़े के समान है, जो शुद्ध ऑक्सीजन प्रदान कर वायु की गुणवत्ता में सुधार करता है और नागरिकों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। यह विचार संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट ने विद्या भवन संस्थान के 93वें स्थापना दिवस पर व्यक्त किए।
**नवाचार का महत्व**
विशिष्ट अतिथि भट्ट ने हर परिस्थिति में आगे बढ़ने और सफलता के लिए नवाचार की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि डॉ. मोहनसिंह मेहता द्वारा प्रतिपादित आदर्शों और मूल्यों से विद्या भवन निरंतर नवाचार कर विद्यार्थियों की छिपी हुई प्रतिभाओं को निखार रहा है।
**पूर्व छात्र की सफलता**
मुख्य अतिथि और अमेरिका के प्रतिष्ठित इंजीनियर सौरभ दानी, जो विद्या भवन के पूर्व छात्र हैं, ने कहा कि विद्या भवन उनकी मातृसंस्था है और यहां की शिक्षा और मूल्यों से ही वे जीवन में ऊंचा मुकाम हासिल कर पाए हैं।
**समग्र विकास**
विद्या भवन सोसायटी के अध्यक्ष जितेंद्र तायलिया ने कहा कि विद्या भवन संस्थान में विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होता है, जिससे वे एक जिम्मेदार नागरिक बनते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा के माध्यम से समाज निर्माण के उद्देश्य को लेकर संस्था निरंतर कार्य कर रही है।
**स्वागत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां**
विद्या भवन सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रधानाचार्य पुष्पराज राणावत ने सभी का स्वागत किया। सचिव गोपाल बंब और मुख्य संचालक डॉ. अनुराग प्रियदर्शी ने विद्या भवन की परंपराओं पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर विद्या भवन मुक्ताकाशी मंच पर सभी संस्थाओं ने मिलकर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। इनमें वर्षा ऋतु पर आधारित गीत और नृत्य, स्वच्छ भारत नाटक आदि बहुत सराहे गए। विद्या बंधु संघ के सदस्यों द्वारा विद्या बंधु गीत प्रस्तुत किया गया। श्रमदान और वृक्षारोपण भी किया गया।
**आभार और संचालन**
आभार उप प्राचार्या रंजना शर्मा ने व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन नारायणलाल आमेटा, ललिता चेलावत, नेहल, सीमा, और नेहा ने किया।