कोटा हजरत इमाम हुसैन की याद में शहर के कैथून, अन्नत पुरा,विज्ञान नगर,छावनी, करबला, घंटा घर,भीमगंज मंडी क्षेत्रों में मातमी धुनों के साथ ढोल-ताषों के साथ आज ताजिये निकाले गए। शहर के कई क्षेत्रों में मातमी धुनों के साथ या अली या हुसैन के नारे लगाते रहे। कई अकिदतमंदों ने सबीलें लगाकर दूध, शर्बत का वितरण किया। ताजियों के दौरान अखाडेबाजों द्वारा प्रदर्षन किया गया और मन्नतें पूरी होने पर कई लोगों ने अपने शरीर पर लागे भी फुडवाई। वहीं किशोरपुरा में तीन पीढ़ी से बाबा सब्बीर का परिवार राई का ताजिया बना रहा है। उनका दावा है कि यह राजस्थान का एक मात्र राई का ताजिया है। चांद दिखने के साथ वो राई का ताजिया बनाना शुरू कर देते हैं। यह ताजिया 10 दिन में पूरा बनता है। इसके लिए साढ़े 7 किलो राई काम में ली जाती है। करीब 30 बांस उपयोग में लिए जाते हैं। खजूर की चटाई बनाकर उसमें 9 गुंबद बनाते हैं। खजूर की चटाई पर रूई बिछाकर राई को छिड़कर उगाते है जिसको समय-समय पर पानी भी देना पड़ता है।