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मनुष्य का संसार में भटकने का मूल कारण है क्रोध कषाय मोह माया और अहंकारः सुकनमुनि

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24 Nov 23
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मनुष्य का संसार में भटकने का मूल कारण है क्रोध कषाय मोह माया और अहंकारः सुकनमुनि

उदयपुर। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रमण संघ की ओर से पंचायती नोहरे में आयोजित धर्मसभा में बोलते हुए श्रमण संघीय प्रवर्तक सुकन मुनि महाराज ने कहा कि अगर मनुष्य अपने स्वच्छ और निर्मल हृदय के माध्यम से प्रभु महावीर की वाणी अपने जीवन में उतरता है तो उसका आत्म कल्याण का मार्ग प्रशांत हो सकता है। मनुष्य का संसार में भटकने का मूल कारण है क्रोध कषाय मोह माया और अहंकार है।
उन्होंने कहा कि इनके वशीभूत ही व्यक्ति अपने जीवन में पापकर्माे का बन्ध कर लेता है। इन पाप कर्मों से छुटकारा पाने के लिए मनुष्य को महावीर की वाणी एवं उनके दी हुई शिक्षाओं को अपने जीवन में उतरना जरूरी है। सद्गुरु वो होते हैं जो सद्ज्ञान देते हैं सद मार्ग बताते हैं। गुरु के सानिध्य में ही मनुष्य को आत्म कल्याण का मार्ग मिलता है। जिसका हृदय स्वच्छ और पवित्र है वही मोक्ष का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
मुनिश्री ने कहा कि बीता हुआ समय कभी भी वापस नहीं आता। जो दिन और रात बीत चुके हैं वह कभी हमारे जीवन में दोबारा नहीं आ सकते हैं। इसलिए अगर हमने उस समय का सदुपयोग कर लिया तो हम जीवन में बहुत कुछ पा सकते हैं और हमारी आत्मा के उत्थान के लिए उपक्रम कर सकते हैं।  
धर्म सभा में महेश मुनि जी एवं अखिलेश मुनि महाराज नें गीतिका और भजनों के माध्यम से उपस्थित श्रावक श्राविकाओं को सत्संग कराया।
अध्यक्ष एडवोकेट सुरेश नागौरी एवं महामंत्री एडवोकेट रोशन लाल जैन ने बताया कि पंचायती नोहरा मतदान स्थल होने के कारण 24 और 25 नवंबर लगातार दो दिनों तक गुरुदेव के व्याख्यान नहीं हो पाएंगे। धर्म सभा में विभिन्न क्षेत्रों से धर्म अनुरागी श्रावक श्राविकाएं मुनिश्री का आशीर्वाद लेने पहुंचे। सभी का मुनि श्री के सानिध्य में अतिथि सम्मान किया गया। चातुर्मास काल से निरंतर हो रहे णमोकार महामंत्र के जाप अनुष्ठान जारी है। यह पहला मौका है जब पूरे 5 महीने जाप अनुष्ठान निरंतर चल रहे हैं। इसी कारण से पंचायती नोहरे का चातुर्मास इस बार इतिहास रचने जा रहा है।


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