GMCH STORIES

पारस हेल्थ, उदयपुर: 90 वर्षीय मरीज की फ्रेक्चर हो चुकी हड्डियों को नई तकनीक से ठीक कर दिया नया जीवन

( Read 7078 Times)

26 Apr 23
Share |
Print This Page
पारस हेल्थ, उदयपुर: 90 वर्षीय मरीज की फ्रेक्चर हो चुकी हड्डियों को नई तकनीक से ठीक कर दिया नया जीवन

उदयपुर | 90 वर्षीय गिल का घर में पैर फिसलने से रीढ़ की हड्डी में फ्रेक्चर हो गया था। गिरने से उनकी कमर में असहनीय दर्द होने लगा और समय के साथ उनके दोनों पांव भी कमजोर हो गए, जिससे उनका चलना फिरना बंद हो गया। एम.आर.आई की जांच में सामने आया की हड्डियों में फैक्चर है, जिस कारण नसों पर दबाव पड़ रहा है, जांच में यह भी पता चला कि गिल की रीढ़ की हड्डी भी बहुत कमजोर हो चुकी है और किसी भी तरह की सर्जरी करना खतरनाक हो सकता है। इस कारण उनकी सर्जरी करने का रिस्क कोई नहीं ले रहा था। उन्होंने कई डॉक्टरों से और कई अस्पतालों में संपर्क किया परंतु उन्हें हर जगह से निराशा हाथ लगी। क्योंकि अधिक उम्र हो जाने और कमजोर हड्डियों के कारण कोई भी डॉक्टर उनकी सर्जरी नहीं कर रहा था। परंतु पारस हेल्थ के विशेषज्ञों ने इस मुश्किल काम को आसान कर उन्हें नया जीवन दिया।

"पारस हेल्थ के सीनियर न्यूरो सर्जन, डॉ. अजीत सिंह ने बताया कि, जब रोगी हमारे पास आया और हमसे संपर्क किया तब हमने रोगी को नई तकनीक से स्वस्थ करने की दिशा में कार्य किया। नई तकनीक से उनका इलाज संभव था। इसमें एक ऑपरेशन करना था, जिसे मिनिमली इनवेसिव सर्जरी कहा जाता है और साथ ही इस सर्जरी में हड्डी मजबूत करने के लिए बोन सीमेंट का इस्तेमाल भी किया जाता है। इस प्रक्रिया में फ्रैक्चर को ठीक करने के लिए स्क्रू और रॉड लगाई जाती है, जो कि ओपन सर्जरी से ही संभव हो पाता है। अब नई तकनीक से बिना ओपन किए "की होल" जितने बड़े चीरे से स्क्रू और रॉड लगाना संभव हैं और साथ ही कमज़ोर हड्डियों को मज़बूत करने के लिए सीमेंट भी भर दी जाती है। इसमें खून बहुत ही कम बहता है साथ ही साथ ऑपरेशन का समय भी कम हो जाता है। 90 वर्ष की उम्र में एनेस्थीसिया की भी काफ़ी जटिलताएं होती है, जिसका हमारी एनेस्थीसिया टीम ने पूरा ख्याल रखा। ऑपरेशन के एक-दो दिन में ही मरीज को असहनीय दर्द से राहत मिल गई और धीरे-धीरे वह अपने दोनों पैरों पर सहारा लेकर चलने लगा है।"

गिल ने पारस हेल्थ, उदयपुर के डॉ. अजीत सिंह का आभार जताते हुए कहा कि, पहले उन्हें बहुत दिक्कत थी और जिस तरह से तमाम अस्पतालों और डॉक्टरों ने उनके इलाज करने के लिए अपने हाथ खड़े कर दिए थे, उससे उन्हें भविष्य में ठीक होने की कोई भी संभावना नजर नहीं आ रहीं थी, लेकिन पारस हेल्थ में सर्जरी के बाद अब मेरे पैरों में धीरे-धीरे ताकत बढ़ने लगी है और मैं पहले से काफी बेहतर महसूस कर रहा हूं।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like