उदयपुर - मंदसौर की रहने वाली 17 वर्षीय लड़की को करीब 3 महीने पहले लकवा हो गया था। लकवा होने के बाद उसे कई अस्पतालों में दिखाया गया परंतु जब वह ठीक नहीं हुई तब किसी पारिवारिक मित्र की सलाह पर उसे पारस हेल्थ, उदयपुर में लाया गया। यहां डॉ. नितिन भाकल, कंसल्टेंट, न्यूरो सर्जरी से परामर्श के बाद उनका सिटी स्कैन और एमआरआई किया गया, जिसमें सामने आया कि मरीज को एटलांटोएक्सियल डिस्लोकेशन नामक बीमारी है जो अधिकतर 10 से 15 साल के युवा वर्ग में होती है। डॉ. नितिन भाकल ने बताया कि रीढ़ की पहली हड्डी को एटलस बोलते हैं और दूसरी हड्डी को एक्सिस बोलते हैं। 17 वर्षीय मरीज कि इन दोनों हड्डियों के बीच में से जॉइंट थोड़ा हट गया था और बीच में जो नस थी वो दब गई थी जिसकी वजह से उसको कमजोरी हो रही थी और पैरालिसिस दिक्कत बढ़ गई, इसमें हाथ व पैर सुन्न हो जाते हैं। इस बीमारी को एटलांटोएक्सियल डिस्लोकेशन बोलते हैं। इसमें होने वाली सर्जरी भी बहुत जोखिम भरी होती है जिसको लेकर मरीज को कई जगह दिखाया गया लेकिन जोखिम के कारण कहीं सफलता प्राप्त नहीं हुई, अंत में जब मरीज को पारस हेल्थ लाया गया तो हमनें मरीज के परिजनों को सारे जोखिमों के बारे में जानकारी दी क्योंकि इस सर्जरी में 8 से 10 प्रतिशत जान का खतरा भी बना रहता है। इसे सर्वाइकल फिक्सेशन या स्क्रू एंड रोड फिक्सेशन सर्जरी कहते हैं। इसमें लगभग 3 घंटे लगते हैं। मरीज के परिजनों की सुकृति से जोखिम भरी सर्जरी करने का निर्णय लिया और सफलतापूर्वक सर्जरी होने के अगले ही दिन मरीज को छुट्टी दे दी गई, अब वह पूरी तरह स्वस्थ है। स्वस्थ होने के बाद 17 वर्षीय मरीज ने डॉ. नितिन भाकल का आभार जताते हुए कहा कि पारस हेल्थ के विशेषज्ञों के अनुभव का नतीजा रहा कि आज मैं पूरी तरह से स्वस्थ हूं। इस ऑपरेशन को लेकर मेरा परिवार डरा हुआ था परंतु पारस हेल्थ, उदयपुर पर भरोसा जताते हुए मेरा ऑपरेशन यहीं करवाया गया जिसके बाद अब मैं पूरी तरह से स्वस्थ हूं। उन्होंने कहा कि मैं इस नए जीवन के लिए हमेशा पारस हेल्थ, उदयपुर की आभारी रहूंगी।