उदयपुर। समता मूर्ति साध्वी जयप्रभा की सुशिष्या साध्वी डॉ. संयम ज्योति ने कहा कि सुखी जीवन जीने के लिए स्ट्रेस को स्ट्रेन्थ में बदलना आवश्यक है।
वे बुधवार को दादाबाड़ी स्थित वासुपूज्य मंदिर में आयोजित व्याख्यान को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि देना है तो संतान को सुसंस्कार दो जिससे उसका जीवन परिवार, समाज के लिए वरदान बनें। स्ट्रेस शब्द के एक-एक लैटर के द्वारा संदेश देते हुए कहा- एस स्ट्रेंथ का संदेश दे रहा है। टी ट्रैफिक कंट्रोल का संदेश दे रहा है। आर रिडिजाइन का संदेश दे रहा है। ई इरेज का संदेश दे रहा है। एस शेयर और दूसरा एस सरेंडर का संदेश दे रहा है।
साध्वी श्रीजी ने कंसेप्ट क्लियर करते हुए कहा- देव गुरु धर्म के प्रति समर्पित होते हुए दुर्भावो को सम्यग दृष्टिकोण द्वारा मिटाते हुए भावनाओं को नियन्त्रित करने वाला स्ट्रेस को शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और बौद्धिक शक्ति में बदल देता है।
साध्वी ने कहा ने कहा- चिन्ता के चक्रव्यूह से भूल होने केलिए जीवन में सकारात्मक सोच का विकास करना होगा। छोटी-2 बातों को इग्नोर करना होगा। लेट गो और लेट गोड के सिद्धांत को अपनाना होगा। साध्वी ने कहा - अतीत अनागत से हटो। अतीत कब्र में है और अनागत गर्भ में है। सदैव व्यस्त रहो, मस्त रहो, स्वस्थ रहो। वर्तमान तुम्हारे हाथ में है, वर्धमान बनो।
साठी संयम साक्षी ने कहा- भगवान महावीर का संदेश है जिस व्यवसाय में ज्यादा जीवों की हिंसा होती है उस व्यवसाय को श्रावक को नहीं करना चाहिए।
साध्वी ने कहा- क्यों पावर के पीछे भाग रहे हो। कुछ भी तुम्हारे साथ जाने वाला नही है। चक्रवर्ती भी छह खंड के राज्य को अपने पुत्र को नही दे सकता तो तुम्हारी क्या औकात है जो तुम धन संपति विरासत में अपने पुत्र को दे जाओगे।