Udaipur. आजकल कैंसर होना एक आम बात है, बड़ी संख्या में लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं। कैंसर के बढ़ते मामलों के बाद अब लोग जागरूक हो रहें हैं लेकिन कैंसर के प्रति लापरवाही व जीवनशैली में बदलाव के कारण कई लोग इसकी चपेट में आ जाते हैं। डॉ. सुभाब्रता दास, सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, पारस अस्पताल उदयपुर के अनुसार शरीर में कोशिकाएं अगर अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगे, तब इससे प्रभावित व्यक्ति को कैंसर हो जाता है। कैंसर के होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से एक जेनेटिक्स भी माना जाता है। वैसे गलत खानपान और बीमारियों की अनदेखी इसके होने के प्रमुख कारणों में से एक है। कैंसर के मामलों में देरी होने पर होने वाली मौतों की संख्या भी दिनों दिन बढ़ती जा रही हैं। कैंसर के कई कारण हो सकते हैं जैस - शराब, सिगरेट, ड्रग्स आदि नशीले पदार्थों के सेवन से भी कैंसर की संभावना बनी रहती है। यदि आपके परिवार की किसी करीबी सगे संबंधियों को भी कैंसर हुआ है तब भी इसकी संभावना अधिक बढ़ जाती है।
कैंसर का समय पर पता लगाने के लिए नियमित अपने स्वास्थ्य की जांच करवाते रहना चाहिए। कैंसर का पता किसी भी उम्र में लगाया जा सकता है। कैंसर के पूर्व चरण में कैंसर का पता लगाने के लिए बिना किसी लक्षण के भी लोगों को उम्र और लिंग के अनुकूल स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए जाना चाहिए। उदाहरण के लिए कोलोरेक्टल कैंसर के लिए औसत उम्र 50 वर्ष के लोगों को नियमित रूप से जांच करानी चाहिए। यदि ब्रेस्ट कैंसर का पारिवारिक इतिहास है तो 35 वर्ष की उम्र में और स्वयं परीक्षण में 25 वर्ष की उम्र में महिलाओं को स्क्रीनिंग शुरू कर देनी चाहिए। इसे आप 3 महीनों के अंतराल पर कर सकती हैं। इसी तरह प्रत्येक कैंसर, जैसे गर्भाशय कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ओरल कैंसर, लंग्स कैंसर के लिए स्क्रीनिंग के द्वारा आप कैंसर का पता लगा सकते हैं। यदि कैंसर का सही समय पर पता चल जाए तो 80 प्रतिशत तक मामले में कैंसर का रोगी पूरी तरह ठीक हो जाते हैं।