चिंरजीवी योजना के तहत हुआ निःशुल्क इलाज

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Published on : 17 Mar, 23 04:03

स्कल्प(खोपडी) के स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा से पीडत मरीज की सफल सर्जरी

चिंरजीवी योजना के तहत हुआ निःशुल्क इलाज

उदयपुर, कैंसर का नाम सुनते ही लोगों के शरीर में सिहरन सी पैदा हो जाती है,अगर समय रहते कैंसर की सही पहचान और उपचार हो जाए तो इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है और ऐसे ही कैंसर मरीजों को जीने की राह दिखा रहा है पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल का कैंसर रोग एवं सर्जरी विभाग।

पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के कैंसर रोग सर्जरी विभाग ने स्कल्प(खोपडी) के स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा से पीढत मरीज का सफल ऑपरेशन एवं पुःनिर्माण कर इस बीमारी से राहत दिलाई। इस सफल ऑपरेशन में कैन्सर रोग सर्जन डॉ.सौरभ शर्मा,न्यूरो सर्जन डॉ.नरेन्दमल,बर्न एवं प्लास्टिक सर्जन डॉ.गुरूभूषण,निश्चेतना विभाग के डॉ.प्रकाश औदिच्य,डॉ.निकिता बसेर एवं टीम का सहयोग रहा।

दरअसल गुजरात में साडि्रयों की छपाई की काम करने वाले जालोर जिले के आहोर निवासी ३६ बर्षीय सुरेश कुमार के सिर में ७ महिने पहले एक छोटा सा घाव हो गया,जो घीरे-घीरे बढता गया स्थानीय चिकित्सको को कई बार दिखाया लेकिन कोई फायदा नहीं मिला। परिजन उसे पेसिफिक हॉस्पिटल लेकर आए यहॉ कैन्सर रोग सर्जन डॉ.सौरभ शर्मा को दिखाया तो जॉच करने पर स्कल्प(खोपडी) के स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा नामक कैन्सर का पता चला जिसका की ऑपरेशन द्वारा इलाज सम्भव था।

कैन्सर सर्जन डॉ.सौरभ शर्मा ने बताया कि मरीज के सिर में १० से १५ सेंटीमीटर का घाव था जोकि सिर की हड्डी में चला गया था और बढने के साथ-साथ यह घाव दिमाग को भी प्रभावित कर सकता था इसके निदान हेतु पूरा घाव एवं सिर की हड्डी को निकाला गया इस जगह पर पुनर्निर्माण किया गया।

स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा(एसएससी) कैंसर त्वचा, होंठ,मुंह,घेघा,मूत्राशय,प्रोस्टेट,फेफडों,योनि और गर्भाशय ग्रीवा सहित कई अलग विभिनन अंगों में होता है। यह शल्की इपिथेलियम का एक घातक ट्यूमर है। त्वचा पर एसएससी कोशिकाओं की एक छोटी सी गांठ के रूप में शुरू होती है और इसके बढने पर उसका केंद्र रूप मृत और परिगलित होने लगता है और गांठ एक घाव में बदल जाता है।

डॉ.शर्मा ने स्पष्ट किया कि किसी भी किसी भी लंबे समय से बने हुए घाव में परिवर्तन होना या छाला होना इस बीमारी की प्राथमिक स्टेज हो सकती है ऐसी स्थिति में जल्द ही चिकित्सक की सलाह लेकर उपचार किया जाना है इसके अलावा मनुष्य की चमडी पर लंबे समय तक नहीं भरने वाले घाव तेल एवं मस्सों में अचानक परिवर्तन आना किसी जगह चमडी पर भी नीला पन्या कालापन भी कैंसर के लक्षण हो सकते हैं फतेह होने पर तुरंत कैंसर रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। मरीज का चिंरजीवी योजना के तहत सम्पूर्ण इलाज निःशुल्क हुआ है। मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है एवं उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है।


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