चार दिवसीय रसधारा नाट्य महोत्सव का आगाज

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Published on : 18 Mar, 23 02:03

चार दिवसीय रसधारा नाट्य महोत्सव का आगाज

भीलवाडा-     स्थानीय रसधारा सांस्कृतिक संस्थान भीलवाड़ा द्वारा दिनांक 17 से 20 मार्च 2023 तक संस्कृति मंत्रालय राजस्थान, जिला प्रशासन भीलवाड़ा, आर.सी.एम. समूह के सहयोग से आयोजित किये जा रहे ’’हास्य नाट्य समारोह’’ का उद्घाटन आज दिनांक 17 मार्च को 5 बजे जिला कलेक्टर आशीष मोदी, तिलोक चन्द छाबड़ा, लक्ष्मीनारायण डाड, नाट्य पुरोधा डॉ. अर्जुन देव सिंह चारण के करकमलों द्वारा सम्पन्न हुआ।
                 जानकारी देते हुये गोपाल आचार्य ने बताया कि नाट्य महोत्सव में पहले दिन सांय 6 बजे रसधारा के ’’साक्षात’’ प्रेक्षागृह में ’’स्मृतियों में पिता’’ एक हिन्दी नाटक का मंचन किया गया। इस नाटक में समाज को यह संदेश दिया कि हम अपने घर में बड़े बुजुर्गों की योग्यताओं को जीवन पर्यन्त समझ नहीं पाते है, मरणोपरान्त सब कुछ समझ आता है अर्थात् एक पिता-पुत्र के रिश्ते को इस नाटक में बताया। इस नाटक का मंचन अभिनव गुरूकुल जोधपुर की स्वाति व्यास द्वारा किया गया।
                 वहीं रात्रि 8 बजे टाउन हॉल में लेखक नीरज गोस्वामी निर्देशन - अनिल मारवाड़ी द्वारा मंचित किया नाटक ’’चौथमल मास्साब’’ के माध्यम से समझाया गया कि भूख सिर्फ वो नहीं होती जो पेट को लगती है। शरीर की भी अपनी भूख होती है। इसी आदम भूख का सशक्त चित्रण है। नाटक चौथमल मास्साब में सीधे-सीधे मास्साब हो या लंपट लोग, यह भूख सबको लगती है। हम परिस्थितिवश चाहे उसे दबा दे लेकिन मौका पाते ही यह फन उठाकर हमें डस लेती है। विचित्र परिस्थितियों में किस तरह यह भूख हावी होती है। हम सब शराफत का लबादा ओढ़े हुओ की कहानी में चौथमल मास्साब में चरितार्थ होता है।
                 मंचन पर ईश्वरदत्त माथुर, नीरज गोस्वामी, सरस्वती उपाध्याय, मोईनुद्दीन आत्माराम, मनोज स्वामी, रेणू देवयानी, मनोज, तपेश, सागर, अभिषेक, जिवितेश, मिहिजा, कवितेश, देवांग, आध्या, संगीत, आलोक, नृत्य जीतू, मंच आलोक, प्रकाश, जितेन्द्र, प्रस्तुति प्रबन्धक गुरूविन्दर सिंह, रूप सज्ज धु्रति शर्मा, अंकित शर्मा थे।


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