असम के नए राज्यपाल गुलाब चन्द कटारिया के साथ गोपेंद्र नाथ भट्ट  का विशेष इंटर्व्यू

( 3641 बार पढ़ी गयी)
Published on : 19 Mar, 23 09:03

असम के नए राज्यपाल गुलाब चन्द कटारिया के साथ गोपेंद्र नाथ भट्ट  का विशेष इंटर्व्यू

 

असम के नए राज्यपाल गुलाब चन्द कटारिया से उनके राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली प्रवास में वरिष्ठ जन सम्पर्क विशेषज्ञ और पत्रकार गोपेंद्र नाथ भट्ट की आत्मीय मुलाक़ात हुई ।
कटारिया ने अपने 50 वर्षों के राजनीतिक अनुभव और अपनी नई पारी के दायित्वों के बारे में विस्तार से बताया तथा राजनीति में अपने प्रारम्भिक जीवन में एक कार्यकर्ता के रूप में किए गए कार्यों  का स्मरण भी किया और जनसंघ के दिग्गज नेता सुन्दर सिंह भण्डारी  भानु कुमार शास्त्री  तथा तत्कालीन प्रतिपक्ष के नेता महारावल लक्ष्मण सिंह के साथ ही आर एस एस के लक्ष्मण सिंह तथा ठाकुर दास भाई सा आदि से जुड़े संस्मरण भी सुनायें।
उन्होंने बताया कि उन्होंने एक शिक्षक के रूप में सेवाएँ दी तथा पार्टी संगठन को सुदूर आदिवासी इलाक़ों के गाँव गाँव धाणी धाणी तक पहुँचाने साइकल और मोटर साइकल पर सघन दौरें किए।
कटारिया ने कहा कि जब वे पहली बार चुनाव लड़ने के लिए फार्म भर रहें थे तो उनके पास फार्म भरने के दौ सौ रुपए भी नही थे और उनके एक साथी सुरेश जी ने उन्हें दौ सौ रु दिए थे।

उन्होंने कहा कि अपने राजनीतिक जीवन के पाँच दशकों से भी अधिक समय में उन्होंने कई उतार चढ़ाव देखें और खट्टे मीठे अनुभव भी किए  । साथ ही सत्ता और संगठन में रह कर कई महत्व पूर्ण जिम्मदारियों का निर्वहन किया।
कटारिया ने कहा कि वे हमेशा भाजपा के एक अनुशासित सिपाही की तरह काम करते रहें है और उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी गई उसे ईमानदारी से निभाया है । अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी तथा संगठन के शीर्ष नेतृत्व ने ने उन्हें राज्यपाल के संविधानिक पद की  नई जिम्मेदारी  दी है जिसका निर्वहन करने की कसौटी था प्रधानमंत्री जी के भरोसे पर खरा उतरने का हर सम्भव प्रयास करूँगा।

कटारिया ने कहा कि वे राज्यपाल के संवैधानिक पद की मर्यादाओं  को ध्यान में रख आसाम को भी अपना मान वहाँ की जनता के लिए जो कुछ अच्छा हो सकेगा वह काम करेंगे।
मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री जी ने मुझ से जो अपेक्षायें की है उनमें मैं खरा उतरूँगा । 
उन्होंने कहा कि मैं एक अनुशासित कार्यकर्ता हूँ और बचपन से ही मुझमें देश के लिए कार्य करने का जज़्बा है । मैं आसाम और देश हित को ध्यान में रख कर काम करूँगा और जिसे भी मेरी आवश्यकता होंगी उसे अपना मान कर  चाहें वह हिन्दू हो मुस्लिम हो अथवा अन्य जाति धर्म जाति वर्ग या भाजपा अथवा कांग्रेस का व्यक्ति क्यों न हों हर आदमी के वाजिब काम के लिए मदद करने का प्रयास करूँगा।
—/


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.