संस्कृति एवं विरासत को संरक्षित करना है: रुपाराम धणदे

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Published on : 22 Mar, 23 11:03

दी थार हेरिटेज म्यूजियम का लोकार्पण संपन्न

संस्कृति एवं विरासत को संरक्षित करना है: रुपाराम धणदे

जैसलमेर। दी थार हेरिटेज म्यूजियम का गरिमामय लोकार्पण समारोह आज ग्रामीण हाट में संपन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि विधायक रूपाराम धणदे ने मरू क्षेत्र में अपने जीवन की लोक सांस्कृतिक अनुभव सुनाए तथा कहा कि यहां की कलाएं समृद्ध हैं तथा भारत की यात्रा जैसलमेर की यात्रा के बिना अधूरी है। विधायक ने कहा कि समय के साथ हमारी पुरानी परंपराएं रीति रिवाज लोक कलाएं समाप्त हो रही हैं। उन्होंने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि पुरानी चीजें नई चीजों के अविष्कार का आधार है। रुपाराम धणदे ने आह्वान किया कि हमें हमारी समृद्ध संस्कृति एवं विरासत को संरक्षित करना है आने वाली पीढ़ियों के लिए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संस्कृति एवं पर्यटन अनुरागी जितेंद्र सिंह राठौड़ ने दी थार हेरिटेज म्यूजियम के संग्रह को अनूठा बताया तथा कहा कि यह संग्रह आने वाले वक्त तक जीवित रहेगा तथा पर्यटन को बढ़ावा देगा।इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि महाप्रबंधक जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र ने अपना उद्बोधन देते हुए कहा कि संग्रहालय कला को सुरक्षित रखने का श्रेष्ठ माध्यम है। उन्होंने कहा कि हमारी नई पीढ़ी प्राचीन साहित्य एवं संस्कृति को भूल रहे हैं। आज आवश्यकता है इस ज्ञान के अध्ययन की।संग्रहालय के संस्थापक लक्ष्मीनारायण खत्री ने इस अवसर पर अपने जीवन की लोक सांस्कृतिक विरासत संरक्षण यात्रा का वर्णन किया तथा कहा कि यह संग्रहालय देश और दुनिया के कला अनुरागीयों को सेवार्थ और कल्याणार्थ समर्पित है।

कमांडेंट सीमा सुरक्षा बल एस.एस पँवार ने कहा कि संग्रहालय के संस्थापक खत्री का जज्बा सेना के सैनिक जैसा हैं। उन्होंने कहा कि संग्रहालय में प्रदर्शित वस्तुएं स्थानीय संस्कृति की जो दो-तीन सो वर्ष पूर्व की जीवन्त कहानी है। राज्य महिला आयोग की सदस्य अंजना मेघवाल ने कहा कि दी थार हेरिटेज म्यूजियम देश का प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में उभर कर आएगा। यहां की विरासत शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।जैसलमेर के पूर्व विधायक छोटू सिंह भाटी ने जैसलमेर की लोक संस्कृति में पशुओं के टोकरों (घंटियों) की आवाज एवं उसकी पहचान की व्याख्या की।

प्रारंभ में मुख्य अतिथि विधायक रूपाराम धणदे ने फीता काटकर संग्रहालय का आमजन के लिए लोकार्पण किया। सभी अतिथियों ने सरस्वती की पूजा अर्चना की तथा दीप प्रज्वलित किया एवं संग्रहालय का अवलोकन भी किया। कार्यक्रम के अंत में प्रसिद्ध साहित्यकार ओमप्रकाश भाटिया ने जैसलमेर की लोक कला विरासत पर्यटन पर संक्षिप्त व्याख्यान दिया तथा सभी आगंतुकों का आभार प्रकट किया। इस कार्यक्रम के संयोजक घनश्याम खत्री एवं जुगल भाटिया ने सभी मेहमानों एवं गणमान्य नागरिकों का स्वागत किया। इस अवसर पर संग्रहालय में सेवाएं देने वाले कारीगर स्वरूप सिंह, कार्यकर्ता शिवलाल गर्ग एवं रतन भार्गव को विधायक ने साफा पहनाकर सम्मानित किया।

इस अवसर पर मुरलीधर खत्री, मन्वन्त गहलोत, गिरधर भाटिया, रतन सिंह भाटी, भंवरलाल बलानी, दिनेश खत्री, रमेश खत्री, नारायणदास प्रजापत, राणु सिंह राजपुरोहित, श्रीमती उषा अनिल खत्री, नेमी चंद्र जैन, अब्दुल मजीद, भूराराम सुथार, अमृत प्रजापत, गणेश प्रजापत, दीनदयाल सोनी, अलाउद्दीन, चंदन सिंह, चांद रतन छंगानी, हरदेव सिंह भाटी, आदि गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन शिक्षाविद बराईदीन सांवरा ने किया।


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