जिला कलेक्टर डाबी ने 20 पाक विस्थापितों को दिए भारतीय नागकरिता प्रमाण पत्र

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Published on : 29 Mar, 23 10:03

10 से 15 वर्ष बाद भारतीय नागरिकता का हक पाकर खिल उठे पाक विस्थापितों के चेहरे

जिला कलेक्टर डाबी ने 20 पाक विस्थापितों को दिए भारतीय नागकरिता प्रमाण पत्र

जैसलमेर /जैसलमेर में जिला कलेक्टर टीना डाबी ने जिला कलेक्ट्री परिसर स्थित डीआरडीए सभागार में आयोजित नागरिकता प्रमाण पत्र षिविर के मौके पर 20 पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र प्रदान किए। इस मौके पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर गोपाल लाल स्वर्णकार, अध्यक्ष सीमान्त लोक संगठन हिन्दू सिंह सोढ़ा, नायब तहसीलदार ललित चारण, सूचना आविज्ञान अधिकारी नवीन माथुर, चन्द्रेष कुमार, पूर्व पार्षद नाथूराम भील, समाजसेवी दिलीप सिंह सहित पाक विस्थापित उपस्थित थे।

जिला कलेक्टर डाबी ने पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र प्रदान करने के पश्चात उनको हार्दिक बधाई दी एवं कहा कि भारतीय नागकरिता मिलने से उन्हें अपने अधिकारों का पूरा हक मिलेगा। उन्होंने पाक विस्थापितों के पुनर्वास व उत्थान के लिए भी भरसक प्रयास करने का विष्वास दिलाया। उन्होंने कहा कि आज का दिन इन पाक विस्थापितों के लिए बहुत ही खुषी और यादगार का दिवस है, इसलिए उन्हें इस दिन को हमेषा याद रखना है। उन्होंने जिला प्रषासन द्वारा पाक विस्थापितों की जरूरतमंद सुविधाएं उपलब्ध करवाने का भी विष्वास दिया।

अध्यक्ष सीमान्त लोक संगठन हिन्दू सिंह सोढ़ा ने भी भारतीय नागरिकता मिलने पर सभी पाक विस्थापितों को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि जिला कलेक्टर के सतत् प्रयासों से उन्हें यह नागरिकता का तौहफा मिला है। उन्होंने कहा कि यह संगठन पाक विस्थापितों को नागरिकता प्रमाण पत्र दिलाने एवं उनके पुनर्वास व उत्थान के लिए सतत् रूप से कार्यरत है। उन्होंने जिला कलेक्टर से पाक विस्थापितों के पुनर्वास के लिए कार्य योजना बनाने का आग्रह किया ताकि उन्हें नागरिकता मिलने के बाद सभी सुविधाएं प्राप्त हो।

पाक विस्थापितों को 10 से 15 वर्ष बाद 20 पाक विस्थापितों को षिविर के दौरान भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र मिलने पर वे खुषी से प्रफुल्लित हो उठे एवं उन्होंने इसके लिए केन्द्र व राज्य सरकार के साथ ही जिला प्रषासन एवं सीमान्त लोक संगठन के अध्यक्ष के प्रति तहेदिल से आभार व्यक्त किया एवं कहा कि आज का दिन हमारे लिए स्वर्णिम दिन है। उन्होंने कहा कि इस दिन को हम कभी भूल नहीं पाएंगे।

षिविर के दौरान पाक विस्थापित मोहन कंवर, दिलीप सिंह, शकुन्तला बाई, धनुन, नसीबा बीबी, खेमून, कोरीमाई, पुरुषोतमदास, लीलोमाई, मूमली, निरमा, जेठों, भागन, मारवी, नारायण, उमर, श्रवण, बाईली, केंकू व परागों को जिला कलेक्टर ने भारतीय नागरिकता के प्रमाण पत्र प्रदान किए। षिविर में न्यायिक अनुभाग के वरिष्ठ सहायक राजेन्द्र के साथ ही सीआईडीबीआई के अधिकारियों ने पूरा सहयोग प्रदान किया।

इन्होंने रखे विचार

75 वर्षीय उमर जाति ओड़ जो कि वर्ष 2005 में भारत में आया था। वर्तमान में वह जैसलमेर में निवास कर रहा है। पाक विस्थापित उमर ने कहा कि जीवन के अंतिम पडाव में भारतीय नागरिकता मिलने पर वह बहुत ही खुष है। उसने इसके लिए जिला प्रषासन के प्रति आभार जताया। साथ ही इसके 40 वर्षीय पुत्र खेमु को भी भारतीय नागरिकता का दर्जा प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि अब वे एक भारतीय नागरिक को मिलने वाले सभी अधिकारों को आसानी से प्राप्त करेंगे। इस प्रकार इस पिता -पुत्र को 18 वर्ष बाद भारतीय नागरिकता का हक प्राप्त हुआ है। इसी प्रकार पाक विस्थापित श्रीमती नसीबा बीबी जो की वर्ष 2013 में भारत में आई थी, जो वर्तमान में भील बस्ती जैसलमेर शहर में निवास कर रही है। 10 वर्ष बाद भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र जिला कलेक्टर के हाथों प्राप्त कर खुषी से झूम उठी एवं मुक्त कण्ठों से सरकार के प्रति आभार जताया। इसके साथ ही पाक विस्थापित 55 वर्षीय धनु व उसकी धर्मपत्नी श्रीमती शकुन्तला को भी 10 वर्ष बाद भारतीय नागरिकता का दर्जा प्राप्त होने पर वे बहुत ही प्रफुल्लित हुए।


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