भारतीय विश्वविद्यालय संघ के संयुक्त सचिव डॉ.आलोक मिश्रा का निम्स विश्वविद्यालय में स्वागत

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Published on : 25 May, 24 15:05

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में असंख्य युवाओं के उच्च शिक्षा के स्वप्न को साकार कर रहा है निम्स : डॉ. आलोक मिश्रा, संयुक्त सचिव-भारतीय विश्वविद्यालय संघ

भारतीय विश्वविद्यालय संघ के संयुक्त सचिव डॉ.आलोक मिश्रा का निम्स विश्वविद्यालय में स्वागत

नई दिल्ली,भारतीय विश्वविद्यालय संघ के संयुक्त सचिव डॉ.आलोक मिश्रा के आज निम्स विश्वविद्यालय आगमन पर स्वागत किया गया। इस अवसर पर निम्स विश्वविद्यालय के चैयरमेन डॉ. बीएस तोमर एवं निम्स सालाहकार पूर्व कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह के मध्य प्रदेश में संचालित विभिन्न विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा के वर्तमान परिदृश्य और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में विचार विमर्श हुआ।इस अवसर पर डॉ तोमर ने डॉ. मिश्रा को निम्स विश्वविद्यालय द्वारा संचालित विभिन्न अकादमिक गतिविधियों, पाठ्यक्रमों और नवाचारों और शैक्षणिक प्रकल्पों से भी अवगत कराया। डॉ. मिश्रा ने निम्स विश्वविद्यालय द्वारा संचालित विभिन्न शैक्षणिक प्रकल्पों की सराहना की। इस अवसर पर भारतीय विश्वविद्यालय संघ के संयुक्त सचिव डॉ. आलोक मिश्रा ने कहा कि बहुत ही गौरव कि बात है कि अकादमिक उत्कृष्टता के साथ गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के सिद्धांत में दृढ़ विश्वास रखने वाला निम्स विश्वविद्यालय मानव संसाधनों और नैतिक मूल्यों को विकसित करके, नेतृत्व गुणों, अनुसंधान संस्कृति और नवीन कौशल को बढ़ावा देकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के मार्ग पर प्रदेश में निरंतर अग्रसर हो रहा है। विश्वविद्यालय शोध-अनुसंधान, नवाचार के माध्यम से युवाओं के कौशल विकास के नवीन अवसर का सृजित कर रहा है।निम्स विश्वविद्यालय विभिन्न रोजगार परक पाठ्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश के उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों को सर्वांगीण अकादमिक विकास के असीमित अवसर प्रदान कर रहा हैं। प्रदेश के असंख्य युवा विद्यार्थी रोजगार नियोजन के स्वर्णिम अवसर प्राप्त कर लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मंशानुरूप प्रदेश के विश्वविद्यालयों को विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय की दौड़ में शामिल होने के लिए बहुत ही मजबूती के साथ प्रयास करने होंगे। प्रदेश की उच्च शिक्षा के नक्शे पर जल्द ही प्रदेश के विश्वविद्यालयों को एक नया कदम रखना होगा, प्रादेशिक विश्वविद्यालयों की छवि से बाहर आकर हमें अब विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय के स्तम्भ के रूप में पहचान स्थापित करनी होगी। तक्षशिला नालंदा जैसी शिक्षा संस्कृति एक बार पुनर्जीवित करने का प्रयास करना होगा। इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए प्रदेश के विश्वविद्यालय दीर्घकालिक दृष्टिकोण के तहत राज. प्रदेश को वैश्विक परिदृश्य में एक “वैश्विक ज्ञान महाशक्ति” का उत्कृष्ट शैक्षिक केंद्र बनने की ओर अग्रसर होंगे। भारत में अंतर्राष्ट्रीयकरण लंबे समय से अपेक्षित है। राष्ट्रिय शिक्षा नीति वैश्विक सहयोग और भारतीय शैक्षणिक संस्थानों की अंतर्राष्ट्रीय मान्यता का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। भारत को हमेशा उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए एक वैश्विक गंतव्य के रूप में देखा गया है।

संवाद के दौरान डॉ. तोमर ने कहा कि के राजस्थान में निम्स विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन अकादमिक उत्कृष्टता के साथ सफलता के नए आयाम स्थापित कर रहा है। उच्च शिक्षा में गुणवत्ता निर्धारण एवं उल्लेखनीय कार्य, विश्वविद्यालय में लागू नवाचार एवं अभिनव कार्यक्रम, नवप्रवर्तन योजनाओं के क्रियान्वयन एवं उत्कृष्टता के साथ उच्च शिक्षा के उन्नयन हेतु किए गए सार्थक प्रयास एवं शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार एवं अर्जित उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए हम निम्स विश्वविद्यालय को अंतराष्ट्रीय स्तर पर सिरमौर बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। मुझे खुशी है कि निम्स प्रदेश में उच्च मानको की स्थापना के साथ विद्यार्थियो के करियर निर्माण में नित नए आयाम स्थापित कर रहा हैं। प्रो. अमेरिका सिंह ने कहा कि निम्स वि‍श्‍वविद्यालय की अकादमिक उत्कृष्टता में निरंतर वृद्धि हो रही हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में कार्य करते हुए अपनी अकादमिक उत्कृष्टता के साथ प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश भर के अग्रणी विश्वविद्यालयों में निम्स अपनी ख्याति अर्जित कर चुका हैं। प्रदेश में उच्च शिक्षा के गुणवत्ता निर्धारण और विभिन्न पाठ्यक्रमों को वैश्विक पहचान और अंतराष्ट्रीयकरण की दिशा में निम्स दुवारा अनुकरणीय मानक निधारित किए गए है, जो विश्वविद्यालय की अकादमिक उत्कृष्टता को बढ़ा रहे हैं। वैश्विक स्तर पर ख्याति अर्जित करने के साथ आज निम्स विश्वविद्यालय देश विदेश के विद्यार्थियों की पहली पसंद बन गया है।


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