अलख नयन मंदिर परिसर में पीजी करियर काउन्सिलिंग सेमिनार आयोजित

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Published on : 21 Jun, 24 01:06

केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय देश के सभी स्कूलों में बच्चों के लिये 1 घंटा आउटडोर एक्टिविटी अनिवार्य लागू करनें पर कर रहा विचार

अलख नयन मंदिर परिसर में पीजी करियर काउन्सिलिंग सेमिनार आयोजित


अलख नयन मंदिर परिसर में आज पीजी करियर काउन्सिलिंग सेमिनार आयोजित
उदयपुर। उदयपुर ओप्थर्लमोलोजिकल सोसायटी व अलख नयन मंदिर आई इन्स्टीट्यूट के संयुक्त तत्वावधान में प्रतापनगर स्थित अलख नयन मंदिर परिसर में आज पीजी करियर काउन्सिलिंग सेमिनार आयोजित की गई। जिसमें उदयपुर के 6 मेडिकल कॉलेज सहित निजी चिकित्सालयों के 100 से अधिक चिकित्सक, रेजीडेन्ट चिकित्सक सहित देश भर से 150 से अधिक चिकित्सक ऑनलाइन इस सेमिनार में भाग लिया।
सेमिनार में बोलते हुए एम्स नईदिल्ली आरपी सेन्टर के चीफ एवं ऑल इंडिया ओप्थलमोलोजी सोसायटी के वाइस प्रेसीडेन्ट डॉ. जे.एस.टिटियाल ने कहा कि देश में 10 वर्ष अंधता रोगियों का प्रतिशत जहंा 1.6 था वहीं अब वह गिरकर मात्र 0.34 प्रतिशत रह गया है लेकिन इसके बावजूद विश्व के सर्वाधिक अंधता रोगी भारत में पाये गये है। इससे चिंतित भारत सरकार ने अंधता निवारण के लिये रोगियों की स्क्रीनिंग कर अंधता का पता लगानें और आमजन को इस रोग के प्रति जागरूक करने का कार्य करने पर जोर दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मोबाईल एवं अन्य इलेक्ट्रिक उपकरणों के कारण बच्चों में बढ़़ रहे मायोपिया रोग की रोकथाम को लेकर केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय देश के सभी स्कूलों में बच्चों के लिये एक घ्ंाटे की आउटडोर एक्विटी अनिवार्य रूप से लागू करने पर विचार कर रहा है। इससे बच्चों की आंखों के साथ-साथ पूरी फिजिकल ग्रोथ पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। सरकार रोगियों के नजदीक के नम्बरों का चश्मा स्वयं सेवी संस्थाओं के सहयोग से दिये जाने पर जाने पर विचार कर रही है। सरकार नयी हेल्थ पॉलिसी ला रही है। 50 वर्ष से कम आयु के लोगों की आंखों के ंकोर्निया में सफेदी आने पर अंधता बढ़ रही है।  
उन्होंने कहा कि कालापानी, मोतियाबिंद, मधुमेह के कारण होने वाले नेत्र रोगों के प्रति जागकरूता बढ़़ायी जा रही है। आशा वर्कर्स का इसमें सहयेाग लिया जा रहा है। नीति आयोग की ओर से बच्चों में मायोपिया रोग की रोकथाम को लेकर प्रयास किये जा रहे है।  
डॉ. टिटियाल ने कहा कि गांवों में चिकित्सको व संस्थाओं की काफी कमी होने के कारण वहंा अंधता का प्रतिशत अधिक देखा गया है। इसके निवारण के लिये सरकार गांवो को टेलिमेडिसिन सिस्टम से जोड़ रही है ताकि ग्रामीण नेत्र रोगियों को सही समय पर उपचार मिल सके। मेनपावर की भी टेªनिंग की जायेगी।
अलख नयन मंदिर आई इन्स्टीट्यूट के निदेशक डॉ.एल.एस.झाला ने कहा कि रेजीडेन्ट चिकित्सकों नेत्र रोग के क्षेत्र के बारें में आज विस्तृत जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि उन्हें आगे किस क्षेत्र ंमें काम करना है और नेत्र रोग के किस क्षेत्र अपना भविष्य देखना है। डॉ़. टिटियाल ने आज
अलख नयन मंदिर नेत्र चिकित्सालय में विश्व की सबसे लेटेस्ट ऑप्टिकल बायेामीटर एआरजीओएस एण्ड वीरियोन फॉर डिजिटल केटरेक्ट सर्जरी मशीन का उद्घाटन किया।


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