उदयपुर। समता मूर्ति परम् पूज्य जयप्रभा श्रीजी म.सा. की सुशिष्या साध्वी डॉ. संयम ज्योति ने कहा कि भगवान महावीर का संदेश है अगर दुर्गति से बचना है तो मानसिक, वाचिक और कायिक हिंसा से बचना चाहिए। वे शुक्रवार को दादाबाड़ी स्थित वासुपूज्य मंदिर में आयोजित व्याख्यान को संबोधित कर रही थीं।
साध्वी ने कहा कि किसी को जान से मारना तो हिंसा है ही परंतु किसी के लिए बुरा सोचना किसी को बुरा कहना और किसी के लिए बुरी प्रवृति करना भी हिंसा है।
साध्वी ने गांधीजी के तीन बंदर-एक के आंख पर पट्टी, दूसरे के कान में अंगुली और तीसरे के मुंह पर अंगुली का उदाहरण देते हुए कहा कि बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो और बुरा मत बोलो। इन सबके साथ एक चौथा बंदर और बताया जिससे दिमाग पर अंगुली है जो संदेश दे रहा है कि बुरा मत सोचो।
उन्होंने कहा कि अगर बुरा सोचोगे तो सपने में भी बुरी सोच दिन चलती रहेगी, एक दिन मुंह से भी बुरा शब्द निकल जाएगा और एक समय बुरी प्रवृति भी हो जाएगी।
साध्वी संयम साक्षी ने कहा कि षट्काय के जीवों से हमारा पोषण होता है उनका उपयोग आवश्यकता के लिए होना चाहिए विलास के लिए नहीं। उनका संरक्षण हमारा संरक्षण है।