शासन- प्रशासन का  नही हो दबाव तो  मिलेगी  पर्यावरण व जलस्रोत  सुधार की श्रेष्ठ अभियांत्रिकी  :  डॉ अनिल मेहता 

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Published on : 16 Sep, 24 02:09

शासन- प्रशासन का  नही हो दबाव तो  मिलेगी  पर्यावरण व जलस्रोत  सुधार की श्रेष्ठ अभियांत्रिकी  :  डॉ अनिल मेहता 

उदयपुर, सिंधु नदी से सुक्कुर शहर तक पानी की आपूर्ति से लेकर   प्रसिद्ध कृष्ण राजा सागर बांध का निर्माण , हैदराबाद शहर बाढ़ नियंत्रण व्यवस्था,  खड़कवासला जलाशय  फ्लडगेट , ब्लॉक सिंचाई पद्धति सहित अनेक कार्यों के माध्यम से  भारत रत्न महान अभियंता  एम  विश्वेश्वरैया  ने समाज व देश की  बहुत सेवा की।   जलस्रोत  प्रबंधन  क्षेत्र में किए गए  उनके कार्य पूरे  विश्व में सराहे गए।  यह  समस्त अभियंता वर्ग के लिए सम्मान की बात है।

यह विचार रविवार को  अभियंता दिवस पर आयोजित जल संवाद में व्यक्त किए गए। 

संवाद में विद्या भवन पॉलिटेक्निक के प्राचार्य डॉ अनिल मेहता ने कहा कि  अभियंता वर्ग को  जलस्रोत सुधार, संवर्धन तथा सुरक्षा   को अपना  मुख्य ध्येय  बनाना चाहिए। मेहता ने  कहा कि विश्वेश्वरैया जी पर कभी  भी राज का दबाव एवं हस्तक्षेप नहीं रहा। मौजूदा शासकों व प्रशासकों को चाहिए कि  वे अभियंता वर्ग  पर   पर्यावरण व जलस्रोत विनाशी कार्यों का  दबाव नहीं बनाए ताकि वे    समाज व नागरिक हित वाली श्रेष्ठ  अभियांत्रिकी प्रस्तुत कर सके।  

झील विकास प्राधिकरण के पूर्व सदस्य तेज शंकर पालीवाल ने देश के विकास में अभियंता वर्ग को  भूमिका को नमन किया  व कहा कि  पर्यावरण के प्रति सचेत रह कर कार्य करते वाले अभियंता  सर्वश्रेष्ठ अभियंता माने जाने चाहिए।  

गांधी मानव कल्याण समिति के निदेशक नंद किशोर शर्मा ने कहा कि उदयपुर के  अभियंता अनुभवी है लेकिन,  उनके ऊपर  नए नवेले कंसल्टेंट को नियुक्त कर  कंसल्टेंट के निर्देशानुसार कार्य करने का दबाव रहता है । 

शिक्षाविद कुशल रावल ने कहा कि उदयपुर के सभी अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में उदयपुर के पर्यावरण पर विशेष कोर्स प्रारंभ होना चाहिए। 

वरिष्ठ नागरिक द्रुपद सिंह सहित अन्य उपस्थित जागरूक नागरिकों ने कहा कि पहाड़, पेड़, पानी, पर्यावरण को बचाने में  अभियंता वर्ग की प्रमुख भूमिका है।

इस अवसर पर स्वच्छता श्रमदान भी किया गया


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