जोधपुर। गीतांजलि मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, उदयपुर के टीबी और चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. एस.के. लुहाड़िया और डॉ. अतुल लुहाड़िया को जोधपुर में आयोजित राज्य चेस्ट सम्मेलन "राजपल्मोकॉन-2024" में फैकल्टी के रूप में आमंत्रित किया गया। इस सम्मेलन में उन्होंने फेफड़ों की गंभीर बीमारी नॉन ट्यूबरकुलर माइकोबैक्टेरिया (एन.टी.एम.) पर पैनल डिस्कशन किया।
डॉ. एस.के. लुहाड़िया ने बताया कि एन.टी.एम. एक ऐसी बीमारी है जो टीबी से मिलती-जुलती है, लेकिन इसका समय पर निदान और उपचार अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि इसके इलाज की अवधि भी लंबी होती है।
इसके अलावा, डॉ. अतुल लुहाड़िया ने बलगम में खून आने पर ब्रोंकोस्कोपी (फेफड़ों की दूरबीन जांच) द्वारा निदान और उपचार पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि खांसी में खून आना एक गंभीर लक्षण है, और कई बार अत्यधिक खून आने पर यह मरीज की जान के लिए खतरा हो सकता है। उन्होंने लोगों को चेतावनी दी कि ऐसे लक्षणों के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर उचित उपचार करवाएं।