कुरुक्षेत्र पत्रिका के अक्टूबर 2024 अंक में प्रकाशित मेरा आलेख "स्वास्थ्य और पोषण में सामाजिक उद्यमिता"
इस आलेख में बताया गया है कि स्वास्थ्य और पोषण में सामाजिक उद्यमिता एक ऐसा महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जो समाज के कमजोर वर्गों की भलाई के लिए नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देता है। सामाजिक उद्यमियों की भूमिका इसमें अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि वे स्वास्थ्य सेवाओं और पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक व्यावसायिक दृष्टिकोण अपनाते हैं। इनका उद्देश्य केवल लाभ कमाना नहीं होता, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाना होता है। वे स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने, कुपोषण को कम करने, स्वच्छता और स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने जैसे कार्यों पर जोर देते हैं। इस प्रकार की सामाजिक उद्यमिता न केवल स्वास्थ्य और पोषण में सुधार लाती है, बल्कि रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करती है और सतत विकास को प्रोत्साहित करती है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां परंपरागत सेवाएं महंगी या अनुपलब्ध होती हैं।
डॉ. सचिन गुप्ता