राजस्थान विद्यापीठ के फिजियोथैरेपी विभाग की छठी दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का हुआ शुभारंभ

( 990 बार पढ़ी गयी)
Published on : 20 Oct, 24 23:10

फिजिकल थेरेपी महिलाओं के लिए विशिष्ट स्थितियों का इलाज करती है - प्रो कर्नाटक

राजस्थान विद्यापीठ के फिजियोथैरेपी विभाग की छठी दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का हुआ शुभारंभ

 

 फिजिकल थेरेपी महिलाओं के लिए विशिष्ट स्थितियों का इलाज करती है, जैसे पेल्विक फ्लोर विकार। लाखों महिलाओं के लिए, पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन और दर्द एक पुरानी समस्या है उक्त विचार डबोक स्थित जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ के फिजियोथैरेपी कॉलेज में चल रही 20- 21 अक्टूबर की दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के उद्घाटन समारोह में महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अजीत कुमार कर्नाटक ने मुख्य अतिथि के रूप में कहे। उन्होंने कहा कि पेल्विक फ्लोर विकार तब होते हैं जब महिलाओं की पेल्विक मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और या पेल्विक अंगों के संयोजी ऊतकों में दरारें पड़ जाती हैं। कई महिलाएं ऐसे उपचार विकल्पों के बारे में नहीं जानती हैं जो दर्द से राहत देने और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने महिलाओ के स्वास्थय  में फिजियोथैरेपी की भूमिका की जानकारी दी कि फिजियोथैरेपी के माध्यम से महिलाओ के स्वास्थय  प्रणाली तथा जीवन शैली को बदला जा सकता है ।  

इस अवसर पर अध्यक्षता कर रहे जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ के कुलपति प्रो कर्नल  शिव सिंह सारंगदेवोत ने कहा कि महिलाओं को एनीमिया तथा हड्डियों की बीमारियों से निजात पाने में  फिजियोथैरेपी पूर्ण रुप से सहायक है तथा महिलाओं को मानसिक तथा शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने में फिजियोथैरेपी की भूमिका को अहम बताया । प्रो सारंगदेवोत ने कहा कि महिलाओं का स्वास्थ्य बहुआयामी है, और फिजियोथेरेपी विभिन्न जीवन चरणों और स्थितियों के लिए अनुरूप, दयालु देखभाल प्रदान करते हुए, कल्याण के लिए एक आवश्यक पुल प्रदान करती है। चिकित्सीय अभ्यासों और मार्गदर्शन के माध्यम से, महिलाएं इष्टतम स्वास्थ्य प्राप्त कर सकती हैं, जिससे उन्हें पूर्ण, सक्रिय जीवन जीने के लिए सशक्त बनाया जा सकता है। महिलाओं की स्वास्थ्य देखभाल में फिजियोथेरेपी को एकीकृत करना हर जगह महिलाओं के लिए एक स्वस्थ, खुशहाल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इससे पूर्व विशिष्ठ अतिथि अधिठाता स्कूल आफ एग्रीकल्चर साइंस प्रो गजेन्द्र  माथुर , डाॅ. अजीत सहारण, प्राचार्य नीम्स काॅलेज आफ फिजियोथैरेपी, जयपुर, एलेन टेन फाउंडर डायरेक्टर ए.ओं. लव पिलाटस स्टूडियो मलेशिया,  डाॅ पुष्पेंद्र यदुवंशी प्राचार्य केरियर पाॅइंट यूनिवर्सिटी कोटा, डाॅ जयवन्त नागुलकर प्राचार्य उल्हास पाटील काॅलेज आफ फिजियोथैरेपी जलगाॅव  महाराट्र आदि रहे।

  कलेज आफ फिजियोथैरेपी के प्राचार्य व  आयोजन सचिव शैलेन्द्र मेहता ने बताया कि  संगोठी में तुर्की, इटली, सऊदी अरेबीया ,मलेािया व भारत के  विशेषज्ञ प्रतिभागियों को स्पाइनल मैन्युअल थेरेपी, पिलेटिस, एक्सरसाइज ट्रेंनिंग इंटरवेानल पेन मैनेजमेंट इत्यादि विषयों पर  व्याख्यान दिया।   आयोजन में जयपुर से अतिथि डाॅ अुतल सिहं , डाॅ पीयुा धाकड़ , डाॅ अवतार दोही, डाॅ एम बालागणपति गुजरात, डाॅ वैभव दवे सिरोही ,डाॅ विनोद नायर,डाॅ मानस, डाॅ कार्तिक , डाॅ प्रिया,डाॅ नवज्योेित, डाॅ रोनिता, डाॅ चिराग उपस्थित थे । उन्होंने कहा कि कॉन्फ्रेंस में अभी तक लगभग 600 प्रतिभागियों का  पंजीकरण हुआ। संगोष्ठी में स्नातक व अधि स्तानक वर्ग में लगभग 100 राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर  के पत्रों का वाचन व 50 से अधिक पोस्टर का प्रदर्शन किया गया।

कार्यक्रम में सहायक आचार्य डाॅ सुमिता खाउण्ड ने धन्यवाद ज्ञापन दिया  । कार्यक्रम का संचालन सहा. आचार्य डाॅ प्रज्ञा भट्ट , डाॅ हरीश चैबीसा , तथा फिजियो थैरेपिस्ट डाॅ. आरुषि टन्ड़न ने संयुक्त रूप से किया।


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.