गोवर्धन पूजा पर्व   पहाड़  संरक्षण संकल्प का   दिवस है

( 1558 बार पढ़ी गयी)
Published on : 02 Nov, 24 04:11

गोवर्धन पूजा पर्व   पहाड़  संरक्षण संकल्प का   दिवस है

द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा दिया गया संदेश कि सुख, समृद्धि और प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए बृजवासियों को गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए, पहाड़ों की महत्वता और संरक्षण की आवश्यकता को उजागर करता है।  पहाड़ों, पेड़ों, पशुओं के पूजन,संरक्षण के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण ने जन जन को  पर्यावरण और जैव विविधता संरक्षण से  जोड़ लिया था


अतएव, यह दिन पर्वतों और पहाड़ियों के संरक्षण के संकल्प का प्रतीक है।  यह दिन हमे स्मरण कराता हैं कि हाइड्रोलॉजी, इकोलॉजी,बायोडायवर्सिटी की दृष्टि से, पहाड़ एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्राकृतिक व्यवस्था हैं, जिसे बचाकर हम स्वयं को बचा सकेंगे।

 जलवायु परिवर्तन  संकट के इस कलियुग  दौर में, श्रीकृष्ण का पर्वत संरक्षण का संदेश पहले से कहीं और  अधिक गहराई से  अंगीकार  करने और व्यहवार में लाने  की आवश्यकता  है।

 आइए,  इस  प्रकृति पूजन , पर्वत पूजन शुभ अवसर पर  संकल्प लें कि हम पर्वतों को कटने से रोककर उनके जंगलों, जल प्रवाह व्यवस्था और  जैव-विविधता को संरक्षित करेंगे।

 भगवान श्रीकृष्ण का संदेश आज भी प्रासंगिक है – पहाड़ों से ही हमारी समृद्धि  है और  प्राकृतिक आपदाओं से बचाव  है।

अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट : 

विश्व की प्राचीनतम पर्वत श्रृंखला, अरावली, गंभीर संकट में है। शहरीकरण और होटलों, रिजॉर्ट  व अन्य निर्माण  के चलते इसका क्षय हो रहा है, जिससे यहां की जल प्रवाह व्यवस्था और जैव विविधता खतरे में है। इससे  बाढ़ जैसे संकट भी बढ़ सकते हैं और यह क्षेत्र मरुस्थल में  भी तब्दील हो सकता है।

केंद्र सरकार "अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट" के माध्यम से इस संकट को रोकने के लिए तत्पर हुई है । पोरबंदर से पानीपत तक  1,400 किमी लंबी और 5 किमी चौड़ी ग्रीन बेल्ट पट्टिका(बफर)  इसका एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य पश्चिमी रेगिस्तान के विस्तार को  रोकना और अरावली की जैव विविधता को बहाल करना है। वहीं,  अरावली में खनन रोकने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के भी स्पष्ट निर्देश है।

लेकिन,  अरावली ग्रीन वॉल  प्रोजेक्ट या खनन  रोकने से ही अरावली नहीं बचेगी।  जब तक  शहरीकरण विस्तार  तथा व्यावसायिक निर्माणों के लिए  अरावली को काटे जाने से नहीं बचाया जाएगा, अरावली निरंतर नष्ट होती रहेगी।

गोवर्धन पूजा दिवस एक संदेश है --   सम्भल जाने का , स्वयं को, अपनी आने वाली पीढ़ियों को बचाने का। 

डॉ. अनिल मेहता


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.