उदयपुर: पारस हेल्थ, उदयपुर में एक दुर्लभ और जानलेवा मस्तिष्क की बीमारी से जूझ रहे 16 वर्षीय लड़के का सफलतापूर्वक इलाज करके नया जीवन दिया गया। लड़का दो महीने से लगातार सिरदर्द, बेहोशी और दौरे का सामना कर रहा था। कई एडवांस्ड जांचों के बाद उसे कोलाइड सिस्ट का पता चला। यह एक दुर्लभ तथा नॉन-कैंसरयुक्त ब्रेन ट्यूमर है। इस बीमारी से दुनिया भर में दस लाख लोगों में से केवल 3 लोग ही प्रभावित होते हैं। ट्यूमर ब्रेन के वेंट्रिकल्स में स्थित था। वेंट्रिकल्स तरल पदार्थ से भरी कैविटीज होती हैं जो सेरेब्रोस्पाइनल द्रव को सर्कुलेट करने का काम करती है। सिस्ट ब्लड फ्लो और द्रव सर्कुलेशन में बाधा डाल रहा था, जिससे लड़के को अचानक गिरने या यहाँ तक कि मौत का भी खतरा था। मामले की गंभीरता तब और बढ़ गई जब पता चला कि लड़के को जन्मजात हृदय बीमारी रही है, दरअसल जन्म के समय बच्चे के दिल में छेद था, जिससे उसकी हालत और भी गंभीर हो गई थी। उसकी जान बचाने के लिए तत्काल इलाज बहुत ज़रूरी था। सर्जरी का जिम्मा सीनियर कंसल्टेंट न्यूरोसर्जन डॉ. अजीत सिंह ने संभाला। उन्होंने अत्याधुनिक मिनिमली इनवेसिव तकनीकों का इस्तेमाल किया। एडवांस्ड माइक्रोस्कोपी और एंडोस्कोपी का उपयोग करते हुए डॉ. सिंह ने खोपड़ी में एक छोटी सी जगह बनाई और ट्यूमर तक पहुँचने के लिए महत्वपूर्ण मस्तिष्क संरचनाओं के माध्यम से सावधानीपूर्वक रास्ता बनाया। याददाश्त और गति को नियंत्रित करने वाले महत्वपूर्ण क्षेत्रों के पास ट्यूमर था , इसी को देखते हुए याददाश्त खोने और पैरालिसिस सहित कॉम्प्लिकेशन का एक महत्वपूर्ण खतरा था। डॉ सिंह ने इस बारे में कहा, “ऐसे नाजुक क्षेत्र में ऑपरेशन करना काफी मुश्किल भरा था, लेकिन एडवांस्ड माइक्रोसर्जिकल उपकरणों की मदद से हम आसपास के मस्तिष्क संरचनाओं को कोई नुकसान पहुंचाए बिना पूरे ट्यूमर को सुरक्षित रूप से हटाने में सक्षम थे।” पारस हेल्थ में प्रक्रिया सफल रही और मरीज़ में काफ़ी सुधार हुआ। सर्जरी के बाद सिर्फ़ दो दिन में ही उसे छुट्टी दे दी गई और अब उसकी हालत स्थिर है। कोलाइड सिस्ट दुर्लभ और सौम्य ब्रेन ट्यूमर होते हैं जो आम तौर पर मस्तिष्क के तीसरे वेंट्रिकल में विकसित होते हैं। नॉन कैंसर होते हुए भी ये सिस्ट सेरेब्रोस्पाइनल द्रव प्रवाह को ब्लॉक करके जीवन के लिए ख़तरनाक समस्याएं पैदा कर सकते हैं, जिससे मस्तिष्क में दबाव बढ़ जाता है। इस बीमारी के लक्षणों में अक्सर गंभीर सिरदर्द, बेहोशी, दौरे और, कुछ मामलों में अगर इलाज न किया जाए तो अचानक मौत भी हो सकती है। यह मामला आधुनिक न्यूरोसर्जरी में हुई प्रगति को दर्शाता है। खास तौर पर न्यूनतम इनवेसिव तकनीकों के इस्तेमाल में हुई काफी प्रगति को यह दर्शाता है। इस तरह की प्रगति से मरीज की सुरक्षा सुनिश्चित होती है और तेजी से रिकवरी होती हैं। पारस हेल्थ उदयपुर जटिल न्यूरोसर्जिकल मामलों के इलाज़ में नए स्टैंडर्ड स्थापित कर रहा है, जिससे मरीजों और परिवारों को उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है।