आम बजट और राजस्थान के बजट से लोगों को हैं कई उम्मीदें 

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Published on : 15 Jan, 25 02:01

गोपेन्द्र नाथ भट्ट 

आम बजट और राजस्थान के बजट से लोगों को हैं कई उम्मीदें 

इस माह के अंत में शुरू होने वाले संसद और राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र को लेकर देश और प्रदेश की जनता को काफी उम्मीदें हैं । संसद में आने वाले आम बजट और राज्य विधानसभा में आने वाले बजट को लेकर आम अवाम कुछ नया और जनता की भलाई की कतिपय घोषणाओं की उम्मीद लगा रहें हैं ।केन्द्र में 2014 में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपानीत एनडीए की सरकार आने के बाद अलग से रेल बजट आने की परम्परा समाप्त हो गई और रेल परियोजनाओं को लेकर उत्सुकता भी ठण्डी पड गई । अब आम बजट में इनकम टेक्स को लेकर लोगों की उत्सुकता बनी रहती हैं । राजस्थान जैसे रेगिस्तान प्रधान, पानी की कमी , प्रदेश में गुजरती विश्व की सबसे पुरानी अरावली पहाड़ी एवं आदिवासी पिछड़े क्षेत्रों और पाकिस्तान से सटी लम्बी अंतर्राष्ट्रीय सीमा वाले सीमावर्ती प्रदेश के लोगों को  भी आम बजट से काफ़ी उम्मीदें रहती हैं ।आजादी के बाद से अब तक राजस्थान को अपनी विषम भौगौलिक परिस्थितियों और अनावृष्टि से आए दिन पड़ने वाले सूखा और अकाल जैसे हालातों के कारण विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग होती रहीं जिसके पूरा नहीं होने पर थक हार कर प्रदेश की हर पार्टी की सरकारें भूजल पानी और सतही जल की कमी तथा उपलब्ध पानी की खराब गुणवत्ता का हवाला देते हुए पानी की कमी की दृष्टि से राजस्थान को विशेष दर्जा देकर विशेष केन्द्रीय मदद की मांग करती रही हैं । अब जब प्रदेश की भजन लाल सरकार ने पूर्वी राजस्थान की जीवन रेखा मानी जाने वाली पुनर्संशोधित पीकेसी ईआरसीपी और यमुना जल को प्रदेश के शेखावाटी अंचल में लाने के लिए अंतर्राज्यीय समझौते हुए हैं। उनसे उम्मीदें बंधी हैं लेकिन अभी भी ईआरसीपी को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा मिलने की अपेक्षा हैं । इसी प्रकार राजस्थान के विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाने वाली पचपदरा तैल और पेट्रो कॉम्प्लेक्स को शुरू कराने की महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता के लिए भी राजस्थान आकांक्षी है ।इसके अलावा गुजरात से सटे आदिवासियों के जलियावाला बाग मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने जैसे मुद्दें भी हैं । इन सबसे ऊपर करोड़ों  लोगों द्वारा बोली जाने  वाली  राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता देने का मुद्दा भी अभी तक पूरा नहीं हुआ हैं ।

इसी प्रकार राजस्थान के बजट में भजन लाल सरकार से प्रदेशवासियों को कई अपेक्षाएँ हैं । राजस्थान का बजट कैसा होगा यह बहुत कुछ केन्द्र सरकार से मिलने वाले अँशदान पर निर्भर करता हैं फिर भी पिछलें वर्ष राज्य की उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने जिस प्रकार का बजट प्रस्तुत किया था उससे भी कहीं अधिक बेहतर बजट प्रस्तुत करने का भजन लाल सरकार प्रयास करेगी । मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने आम जनता से बजट पर अपने सुझाव देने का आग्रह भी किया हैं और वे समाज के विभिन्न वर्गों और वाणिज्यिक संस्थाओं एवं ऐसोसिएशन आदि से बजट पर संवाद कर रहें हैं। देखना हैं मोदी सरकार और भजन लाल सरकार के वार्षिक बजट आम लोगों की उम्मीदों पर कितना खरा उतरेंगे?


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