राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर संगम विश्वविद्यालय में आयोजन

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Published on : 25 Jan, 25 01:01

अंतर-पीढ़ी संबंध प्रोत्साहन कार्यशाला : “ग्लोब रूपी सर्कस में दूसरों की नहीं, अपनी भूमिका का निर्वहन करें” – प्रो. पाणिग्रही

राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर संगम विश्वविद्यालय में आयोजन

राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में संगम विश्वविद्यालय के उद्यमिता एवं कौशल विकास केंद्र द्वारा भारत सरकार के राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संस्थान और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के आर्थिक सहयोग से एक दिवसीय अंतर-पीढ़ी संबंध प्रोत्साहन कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य विषय “बीते हुए कल के ज्ञान को आने वाले कल के साथ जोड़ने की प्रतिज्ञा” था।

कार्यशाला का उद्देश्य युवाओं को सामाजिक रूप से जोड़ने, डिजिटल डिटॉक्सिंग पर जागरूकता बढ़ाने और पीढ़ियों के बीच जीवनपर्यंत सीखने के लिए डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म के महत्व को रेखांकित करना था।

कार्यक्रम का शुभारंभ ज्ञान की देवी मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इस अवसर पर कुलपति प्रो. करुणेश सक्सेना, उप-कुलपति प्रो. मानस रंजन पाणिग्रही, और डॉ. प्रीति मेहता ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

स्वागत उद्बोधन में डॉ. मनोज कुमावत ने बढ़ते स्क्रीन समय के प्रभाव और पीढ़ियों के बीच जुड़ाव की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

कुलपति प्रो. करुणेश सक्सेना ने अपने संबोधन में युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा, “कुछ पाने के लिए कष्ट उठाना पड़ता है। युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए सरकार और संस्थान सिखाने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए आपको स्वयं सीखने की इच्छाशक्ति रखनी होगी।" उन्होंने छात्रों से हमेशा सीखने के लिए तैयार रहने की अपील की।

उप-कुलपति प्रो. मानस रंजन पाणिग्रही ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म्स ने ज्ञान को भौगोलिक सीमाओं से परे पहुंचाया है, जिससे कहीं भी, किसी भी समय कुछ भी सीखा जा सकता है।

डॉ. अनुराग शर्मा, प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट प्रमुख, ने कर्म की प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करने और आत्म-आधारित लक्ष्य निर्धारित करने पर जोर दिया।

कार्यशाला के दौरान विद्यार्थियों और प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। मंच संचालन और पंजीकरण की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने संभाली।

अंत में, डॉ. रामेश्वर रायकवार ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में डॉ. तनुजा सिंह, डॉ. मुकेश शर्मा, डॉ. गौरव सक्सेना, डॉ. संजय कुमार और डॉ. कनिका चौधरी समेत कई शिक्षकों ने भी भाग लिया।


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