विधायिका के प्रति बढ़ी कार्यपालिका की जवाबदेही - विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी

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Published on : 16 Apr, 25 16:04

देश की एजेंसियों पर सवाल उठाना संविधान की मूल भावना के विरुद्ध

विधायिका के प्रति बढ़ी कार्यपालिका की जवाबदेही - विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी


उदयपुर, विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने कहा है कि विधायिका के प्रति राज्य की कार्यपालिका को उत्तरदायी बनाने का प्रयास किया गया है और इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। विधानसभा में 10 हजार से अधिक लंबित प्रश्नों मंे से 95 प्रतिशत के जवाब आए हैं।  इनमें लगभग साढे़ चार हजार प्रश्न तो 15वीं विधानसभा के भी लंबित थे। इससे लोकतंत्र व जनता के प्रति उत्तरदायी शासन की संकल्पना मजबूत हुई है।  पहली बार विधानसभा में पेपरलेस कार्रवाई, विधायकों के लिए आईपेड उपलब्ध करवाने सहित कई नवाचार किए गए हैं। यह पर्यावरण के लिए भी लाभदायी है और गुड गवर्नेंस के लिए भी।  
महाराणा प्रताप का शौर्य, आदिवासी संस्कृति और संवैधानिक मूल्यों कलाकृतियों को विधानसभा की दर्शक दीर्घा में संजोया गया है। इससे नई पीढ़ी को हमारी अनमोल धरोहर से रूबरू होने का मौका मिल रहा है। श्री देवनानी ने बुधवार को उदयपुर सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता के दौरान ये बात कही। उन्होंने कहा कि विधानसभा में गुलाबी रंग से परिवेश बेहतर बना है। इस दौरान उदयपुर ग्रामीण विधायक श्री फूलसिंह मीणा और समाजसेवी गजपाल सिंह राठौड़ भी उपस्थित रहे।

संविधान और लोकतंत्र सुरक्षित-
देश में लोकतंत्र की जडे़ं इतनी गहरी है कि कोई भी लोकतंत्र को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है। संविधान में स्पष्ट लिखा है कि यदि केंद्र सरकार बहुमत के साथ किसी बिल को पास करती है तो उसे सभी राज्यों को मानना पड़ता है। यह संघीय ढांचे का आधार है। लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन सरकारी एजेंसियों की स्वायत्ता पर सवाल उठाना देश के लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। वक्फ बिल संसद के दोनों सदनों ने पारित किया है, इसके बावजूद इस पर सवाल उठाना संविधान की मूल भावना पर सवाल उठाने के समान है। सुप्रीम कोर्ट ने भी वक्फ बिल पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सभी राजनीतिक दलों को देश की सर्वोच्च अदालत और संवैधानिक सदनों पर विश्वास रखना चाहिए।  

विदेशों में भारत का मान बढ़ा-
श्री देवनानी ने कहा कि आज वैश्विक परिदृश्य में भारत एक मजबूत ताकत बनकर उभरा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आर्थिक, सामरिक और सांस्कृतिक ऊंचाइयों को छू रहा है। यह प्रत्येक नागरिक का दायित्व है कि वो नेशन फर्स्ट का भाव रखें।
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