जयपुर। राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागड़े ने मंगलवार को राजस्थान के विश्वविद्यालयों के साथ विशेष समीक्षा बैठक की। इस बैठक में तकनीकी शिक्षा में नवाचार, नई तकनीकों के आविष्कार को प्रोत्साहन, स्वीकृत पेटेंट की संख्या बढ़ाने और पाठ्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमताओं के विकास पर ज़ोर दिया गया।
राजभवन में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के क्रियान्वयन और नैक (NAAC) मान्यता प्राप्त करने में विश्वविद्यालयों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।
बैठक के दौरान एमपीयूएटी उदयपुर के कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने बताया कि पिछले दो वर्षों में विश्वविद्यालय को 44 पेटेंट प्राप्त हुए हैं और स्कोपस एच-इंडेक्स में 37 से 78 तक की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने सौर ऊर्जा और फसल अवशेष प्रबंधन के क्षेत्र में चल रहे अनुसंधान कार्यों की जानकारी भी दी। वहीं जेएनवीयू जोधपुर के कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय ने सफलतापूर्वक नैक मान्यता प्राप्त कर ली है।
राज्यपाल बागड़े ने कहा कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए यदि आवश्यक हुआ तो नियमों व कानूनों में बदलाव भी किए जाएंगे। उन्होंने मातृभाषा में शिक्षा, भारतीय ज्ञान परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों को पाठ्यक्रम से जोड़ने की आवश्यकता बताई और एनईपी के अनुसार प्रभावी शैक्षणिक प्रणाली विकसित करने की बात कही।
साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालयों को नैक मानकों के अनुसार मान्यता प्राप्त करने हेतु समय पर कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए और भारत को वैश्विक ज्ञान केंद्र बनाने के लिए प्रयासों को प्रोत्साहित किया। राज्यपाल ने राजस्थान के विश्वविद्यालयों से राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व करने का आह्वान किया।
राज्यपाल के सचिव डॉ. पृथ्वी ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों को वैश्विक मानकों के अनुसार अनुसंधान और शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार करना चाहिए। उच्च शिक्षा विभाग के सचिव श्री भानु प्रकाश अटरू ने कॉलेज एवं विश्वविद्यालयों में अब तक की प्रगति का प्रस्तुतीकरण दिया।