वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की अश्वारूढ़ प्रतिमा नवनीत ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन आजमगढ़, उत्तर प्रदेश में होगी स्थापित

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Published on : 18 Apr, 25 05:04

नवनीत ग्रुप के चेयरमैन प्रो. अमेरिका सिंह द्वारा प्रतिमा स्थापना हेतु उपलब्ध करवाई जाएगी जमीन

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की अश्वारूढ़ प्रतिमा नवनीत ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन आजमगढ़, उत्तर प्रदेश में होगी स्थापित

आजमगढ़, उत्तर प्रदेश: नवनीत ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की एक 12 फीट ऊंची और 3100 किलो वजनी अश्वारूढ़ प्रतिमा की स्थापना की जाएगी। यह घोषणा नवनीत ग्रुप के चेयरमैन प्रोफेसर अमेरिका सिंह द्वारा की गई, जिन्होंने प्रतिमा स्थापना हेतु आवश्यक जमीन उपलब्ध कराने पर सहमति जताई।

इस संस्थान के अंतर्गत महाराणा प्रताप स्मारक अभियान समिति ने प्रतिमा स्थापना हेतु भूमि की उपलब्धता का अनुरोध किया था। प्रोफेसर अमेरिका सिंह ने इसे स्वीकार करते हुए कहा, "मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि मैंने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की पावन भूमि उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में कुलपति के तौर पर कार्य किया है। प्रतिस्थापना के लिए भूमि उपलब्ध कराना नवनीत ग्रुप के लिए गर्व का विषय है।"

प्रतिमा की स्थापना के संबंध में जानकारी देते हुए, चन्द्रवीर सिंह नमाणा, अध्यक्ष महाराणा प्रताप स्मारक अभियान समिति ने कहा, "हमारी संस्था रॉयल ग्रामीण विकास संस्थान, आमजन के सहयोग से, नवनीत ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के बधावर, आजमगढ़ के प्रांगण में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थापित करना चाहती है। इसके लिए हमें अनापत्ति पत्र अथवा स्वीकृति की आवश्यकता है।"

उन्होंने आगे कहा कि महाराणा प्रताप केवल एक ऐतिहासिक नायक नहीं, अपितु भारतीय समाज के हर व्यक्ति के लिए आस्था के प्रतीक हैं। उनकी प्रतिमा की स्थापना से समाज के सभी वर्गों में एकता और प्रेरणा का संचार होगा।

अंत में, प्रोफेसर अमेरिका सिंह ने निवेदन का स्वागत करते हुए सहर्ष स्वीकृति प्रदान की, जिससे यह संकेत मिलता है कि नवनीत ग्रुप इस ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने में सक्रियता से भागीदारी करेगा। इसके साथ ही, इस प्रतिमा के माध्यम से युवा पीढ़ी को महाराणा प्रताप के साहस और बलिदान की कहानियों से जोड़ने का काम भी किया जाएगा।

इस पहल की सराहना करते हुए स्थानीय समुदाय के लोगों ने भी अपनी खुशी का इजहार किया और इस प्रकार की सांस्कृतिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। 

प्रतिमा की स्थापना की तारीख और कार्यक्रम की जानकारी जल्द ही स्थानीय मीडिया के माध्यम से साझा की जाएगी।


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