उत्तर भारत की स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ जल संरक्षण के इस कार्यक्रम में वरिष्ठ जल मित्र डॉक्टर पी सी जैन द्वारा रचित इस नाटिका का मंचन किया गया। नाटक में दर्शाया गया कि किस प्रकार सुबह-सुबह एक परिवार में पानी खत्म हो जाता है तो एक बेटी नहाने नहीं जा पाती है, कॉलेज नहीं जा पाती दूसरी टूथ ब्रश नहीं कर पाती । तो बचे हुए पानी जो बाल्टी में पड़ा है उसके लिए लड पड़ती है।फिर साली हैंड पम्प से पानी लेने जाती है तो उसकी कमर दुखने लग जाती है। दोनों बेटियां पापा से पिछले 2 साल से ट्यूबवेल को रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग से रिचार्ज के लिए बराबर कह रही थी परंतु पापा टालते जा रहे थे। वे पापा से कहती है पापा काश आप अपने ट्यूबवेल को रिचार्ज कर लेते तो आज यह दिन नहीं देखना पड़ता । इस पर पापा रेनवाटर हार्वेस्टिंग रिचार्ज करने वाले को बुलाते और तभी वर्षा आ जाती है और ट्यूबवेल रिचार्ज हो जाता है |
इस पर सभी मिलकर जल नृत्य गीत गाते हैं और सभी से गीत के माध्यम से कहते हैं कि वर्षा के पानी को बेकार न जाने दो “पानी को बचा लो बरसात में।“ अपने पीपीटी प्रेजेंटेशन में देश के पांच राज्यों से आए 80 प्रतिनिधियों के सामने डॉक्टर पीसी जैन ने किस तरह से सस्ते सरल देवास फिल्टर के माध्यम से किसी भी जल स्रोत जेसे कुआ,बावड़ी, हैंड पंप, ट्यूबवेल को रिचार्ज करने का तरीका समझाया जो सबके लिए एक नया तरीका है । अंत में डॉक्टर पीसी जैन ने सबसे संकल्प करवाया कि हम सब सब वर्षा काल पूर्व कम से कम एक जल स्रोत को वर्षा जल से रिचार्ज कर पुनर्जीवित करेंगे। अभिनय कर्ता
मीना, आरती, खुशबु , इंदिरा, नरेश, सुन्दर , मनीष, देवांश, मरुधर व आकाश ने जल नाटिका में अभिनय किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में जल पारोटी का पूजन किया गया। सभी अभिनय कर्ता को डॉक्टर पीसी जैन ने अपनी और से स्मृति चिन्ह भेंट किए।
कार्यक्रम में डॉ कैलाश ब्रजवासी ,सुरभि यादव ,मरुधर भी उपस्थित थे | डॉ पी सी जैन